कश्मीर घाटी में कर्फ्यू, जम्मू भी गर्माया
-सुरेश एस डुग्गर
अमरनाथ यात्रा स्थगित, कई जगह हिंसा में 30 जख्मी नेशनल हाईवे से सटे रामबन में बीएसएफ की फायरिंग में लोगों की मौत के बाद पूरी कश्मीर वादी में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू के बावजूद कई स्थानों पर जमकर हिंसा हुई।विरोध प्रदर्शनों से जम्मू संभाग भी गर्मा गया है, जहां कई इलाकों में सुरक्षाबलों के साथ झड़पों के समाचार हैं। तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। राज्यभर के कई इलाकों में दिनभर हुई हिंसा में 30 से अधिक लोगों के जख्मी होने की खबर है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बीती रात पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया। इस बैठक में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई। सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर, बडगाम, गंदेरबल और बांदीपोरा जिलों तथा शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग, बिजबहेड़ा और सोपोर में घोषित और बाकी इलाकों में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया था। उन्होंने बताया कि घाटी के शेष इलाकों में आपराधिक आचार संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसके अनुसार किसी स्थान पर चार से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं हो सकते।गौरतलब है कि गुरुवार को यहां हुई फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गई। जबकि दो दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में बीएसएफ के जवान भी शामिल हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे मामले की जांच के आदेश दे चुके हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि आम लोगों पर फायरिंग बिलकुल भी बर्दाशत नहीं की जाएगी। आखिर क्यों गुस्से में हैं कश्मीर की अवाम... आगे पढ़ें....
बताया जा रहा है कि मैसूमा और चिनाब इलाकों में उग्र हो चले विरोध प्रदर्शन से जब बीएसफ कैंप को खतरा पहुंचने लगा, तो सुरक्षा बलों ने फायरिंग की। प्रदर्शनकारी इस खबर से उत्तेजित थे कि बीएसएफ के जवानों ने कथित तौर पर एक इमाम और धार्मिक स्थल का अपमान किया। इस घटना के बाद घाटी में तनाव फिर से सिरे चढ़ गया है। एक पुलिस अफसर ने हालात के बारे में कहा कि शुक्रवार सुबह से अगले आदेश तक श्रीनगर समेत घाटी के दूसरे शहरों में कर्फ्यू जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि अलगाववादियों द्वारा प्रदर्शन और लाल चौक की ओर मार्च करने का आह्वान करने के बाद कानून-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए ऐहतियातन कर्फ्यू लगाया गया था। जेकेएलएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक ने गोलीबारी की घटना के विरोध में लाल चौक तक मार्च करने का आह्वान किया था। घाटी में गुरुवार को मोबाइल, इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं और आज दूसरे दिन भी ये बंद रहीं। हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सईद अली शाह गिलानी ने रामबन की घटना के विरोध में तीन दिनों की हड़ताल का आह्वान किया है।इस बीच इस गोलीबारी की घटना के खिलाफ जम्मू के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के ताजा जत्थे को रोक दिया गया है। भद्रवाह, बनिहाल, ठाठरी, किश्तवाड़, गूल, डोडा, संगालदान में मुस्लिम संगठनों की ओर से गोलीबारी की घटना के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में और शांतिपूर्ण है, लेकिन कुछ इलाकों में प्रदर्शन हुए हैं। कुमार ने कहा कि क्षेत्र में शांति एवं सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां लगे भारत विरोधी नारे... आगे पढ़ें...
जम्मू-कश्मीर के जीएमएसी अस्पताल, रामबन अस्पताल और श्रीनगर अस्पताल में करीब 42 घायलों का उपचार चल रहा है। पुलिस का कहना है कि जम्मू के भद्रवाह, बनिहाल, ठाठरी, किश्तवाड़, गूल, डोडा और संगलदान इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे लगाए तथा टायर जलाए। जम्मू क्षेत्र के कई कस्बों में बंद है। आईजी कुमार ने कहा कि कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं हैं।पुलिस का कहना है कि इस घटना के मद्देनजर अमरनाथ गुफा के लिए जम्मू से श्रद्धालुओं के किसी ताजा जत्थे को आज रवाना होने की इजाजत नहीं दी गई। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार देर रात से ही यातायात के लिए ऐहतियातन बंद कर दिया गया था।जम्मू कश्मीर की सरकार ने गोलीबारी की घटना की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस घटना में बीएसएफ की भूमिका की जांच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रदर्शनकारियों की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकती हैं। बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक राजीव कृष्ण ने कहा कि जवानों ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की थी।