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Written By अरविंद शुक्ला
Last Updated : गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (17:55 IST)

अखिलेश यादव समर्पित करेंगे सड़क सुरक्षा नीति

अखिलेश यादव समर्पित करेंगे सड़क सुरक्षा नीति -
लखनऊ। बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं यातायात प्रबंधन हेतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी 22 सितम्बर को देश में अपने तरह की पहली व क्रांतिकारी राज्य सड़क सुरक्षा नीति घोषित कर जनता को समर्पित करेंगे। 
 
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में 3 जून 2014 को यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा कोष नियमावली, 2014 के प्रख्यापन को मंजूरी दे दी गई है। 
 
मंत्रिपरिषद ने बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं यातायात प्रबंधन हेतु 'उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा नीति' बनाए जाने, 'राज्य सड़क सुरक्षा परिषद' का पुनर्गठन किए जाने, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 'उच्चाधिकार प्राप्त समिति' का गठन किए जाने, उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सचिवालय के रूप में कार्य करते हेतु परिवहन आयुक्त कार्यालय में 'सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ' की स्थापना किए जाने, 'उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा कोष' के सृजन किए जाने एवं इस हेतु 'उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा कोष नियमावली, 2014' के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है।
 
ज्ञातव्य है कि सड़क सुरक्षा का मामला आम जनता से जुड़ा होने के कारण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। देश में प्रतिवर्ष होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में राज्य का अंश काफी अधिक है। इस चिंताजनक स्थिति के समाधान हेतु राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटना पर प्रभावी अंकुश लगाने एवं दुर्घटनाओं में घायलों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु यह निर्णय लिया है।
 
 
यह जानकारी वाहय सहायतित परियोजना के सलाहकार एवं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री मधुकर जेटली ने दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष लगभग 25 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है जो किसी भी त्रासदी से कम नही। ऐसे में उत्तर प्रदेश ने देश में पहली बार सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं यातायात प्रबंधन हेतु प्रभावी कदम उठाये हैं।
 
जेटली ने बताया कि गृह विभाग के ऊपर - यातायात पुलिस के माध्यम से यातायात प्रशिक्षण, प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या की जानकारी हेतु डाटा बैंक तैयार करना, राज्य के सभी थानों को कम्प्यूटरयुक्त करना, हाई-वे पेट्रालिंग करना, परिवहन विभाग के जिम्मे-ड्राइविंग लाइसेंस आदि,स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक जिलों में ट्रामा सेंटर स्थापित करना, वित्त विभाग द्वारा एक्सीडेंट कम्पेंनसेशन कमीशन की स्थापना, लोकनिर्माण विभाग द्वारा विश्वस्तरीय कांक्रीट की सड़कें बनाना तथा शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में सड़क सुरक्षा की जानकारी देना नियत हुआ है।
 
मधुकर जेटली ने बताया कि सडक सुरक्षा परिषद का पुर्नगठन किया गया है। परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे जबकि राज्य के मुख्यसचिव इस परिषद के सदस्य होंगे। राज्य के सभी 75 जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समितियों का गठन होगा। इस नीति को लागू कराने में विश्वबैंक के अलावा न्यूजीलैण्ड की पुलिस भी अपनी सक्रिय भूमिका अदा करेगी।
 
पहली बार राज्य के 94वें विभाग, एनआरआई विभाग के गठन की मंजूरी का श्रेय भी मधुकर जेटली को जाता है। वे लखनऊ में मेट्रो लाने के लिए भी कटिबद्ध हैं। मेट्रो के निर्माण में रास्ते में आने वाली वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए वे पिछले दिनों देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली से भी दो बार मिल चुके हैं।
 
जेटली ने बताया कि सड़क सुरक्षा नीति का विचार उन्हें राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में बडी संख्या में होने वाली मौत के मद्‌देनजर आया और उन्होंने वाहय आयातित परियोजना विभाग में 6 जुलाई 2013 को पहली बैठक कर इसकी जानकारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दी थी, जिस का परिणाम है राज्य सड़क सुरक्षा नीति।