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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 4 मार्च 2015 (21:51 IST)

योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण पर गिरी 'आप' की गाज

योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण पर गिरी 'आप' की गाज - Yogendra Yadav and  Prashant Bhushan is out of AAP PAC
नई दिल्ली। आप के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को बुधवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से बाहर कर दिया गया
 
पार्टी की 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आज आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थकों ने यादव और भूषण को आठ के मुकाबले 11 वोटों से पीएसी से बाहर करने का फैसला किया। बैठक में केजरीवाल तथा मयंक गांधी मौजूद नहीं थे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय संयोजक के पद से केजरीवाल के इस्तीफे को भी नामंजूर कर दिया।
 
आम आदमी पार्टी में कुछ दिन से घमासान चल रहा था। भूषण तथा यादव ने केजरीवाल के पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक बने रहने पर सवाल खड़ा करने के साथ उनकी कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न लगाया था। जिसके बाद केजरीवाल समर्थकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रशांत और उनके पिता शांति भूषण पर पार्टी की पीएसी से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक सभी इकाइयों पर अपना नियंत्रण करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
 
कार्यकारिणी के आज के फैसले के बाद दोनों नेता बैठक से चले गए। यादव ने बैठक के बाद कहा कि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता की तरह काम करते रहेंगे, वहीं भूषण यह कहते हुए निकल गए कि बहुमत से लिया गया निर्णय प्रभावी होगा।
 
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उसमें लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आप नेता कुमार विश्वास ने कहा कि यादव और भूषण को नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
 
विश्वास ने कहा, 'पार्टी ने उन्हें पीएसी के सदस्यों के तौर पर जिम्मेदारी से मुक्त करने का निर्णय लिया है। उन्हें नई भूमिकाएं और जिम्मेदारी दी जाएंगी।' उन्होंने कहा कि पार्टी की एकता के रास्ते में निजी विचार और निजी मतभेद आड़े नहीं आएंगे। पार्टी अपने वादों को पूरा करेगी और जनता के साथ विश्वासघात नहीं करेगी।
 
बैठक से पहले यादव ने पार्टी के आला पदाधिकारियों से सुलह की पेशकश करते हुए कहा था कि केजरीवाल का राष्ट्रीय संयोजक बने रहने पर सवाल का कभी मुद्दा रहा ही नहीं, वहीं भूषण ने कहा कि वह नैतिकताओं पर अडिग हैं।
 
दोनों ही नेताओं ने पिछले कुछ दिन में आरोप लगाए हैं कि तीन साल पुरानी यह पार्टी ‘स्वराज’ और पारदर्शिता के अपने मूल विचार से डिग गयी है।
 
पार्टी की पीएसी से निकाले जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यादव ने कहा कि पार्टी हजारों कार्यकर्ताओं के खून और पसीने से बनी है जिनका विश्वास तोड़ा नहीं जाना चाहिए।
 
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बीच आज आप के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अभियान छेड़ते हुए पार्टी के नेताओं से एकजुट बने रहने की अपील की। बड़ी संख्या में समर्थक कापसहेड़ा में बैठक स्थल के बाहर भी जमा हो गये। उनके हाथों में पार्टी को एकता का संदेश देने वाले पोस्टर थे।
 
पार्टी के एनआरआई प्रकोष्ठ ने ‘हैश टैग यूनाइटेड आप’ नाम से अभियान शुरू किया जो पूरे दिन ट्विटर पर ट्रेंड बना रहा।
 
समर्थक सीतांशु शेखर ने ट्वीट किया, 'योगेंद्र या प्रशांत भूषण को पीएसी से हटाने से आप की समस्या का समाधान नहीं होगा। इससे समस्या और बढ़ेगी।' ऐसे कई ट्वीट और संदेश दिनभर सोशल मीडिया पर चलते रहे।  (भाषा)