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Last Modified: सोमवार, 29 जून 2015 (12:09 IST)

24 घंटे में व्यापमं के दो आरोपियों की मौत

24 घंटे में व्यापमं के दो आरोपियों की मौत - Wyapm scam
इंदौर। मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के दो आरोपियों की बिते 24 घंटे में मौत हो गई। एक और जहां अस्पताल में इलाज के दौरान राजेंद्र आर्य की मौत हो गई साथ ही इस घोटाले से जुड़े एक और आरोपी नरेंद्र कैलाश सिंह तोमर (30) की शनिवार की देर रात इंदौर की जिला जेल में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। इस मौत के चलते अब तक 41 आरोपियों की मौत हो चुकी है।
मृतक के भाई ने नरेंद्र की मौत के पीछे साजिश की आशंका जताई है और इस घटना की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। व्यापमं घोटाले में पकड़े गए 40 आरोपियों की मौत हो चुकी है। नरेंद्र 41वां आरोपी है, जिसकी मौत हुई है।
 
जिला जेल के एक आला अधिकारी ने रविवार को बताया कि व्यापमं घोटाले में गिरफ्तारी के बाद नरेन्द्र सिंह तोमर (30) न्यायिक हिरासत के तहत 24 फरवरी से इस जेल में बंद था। उसने शनिवार देर रात तबीयत खराब होने की शिकायत की। उसे महाराजा यशवंतराव अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। जेल अधिकारी ने कहा कि नरेन्द्र की मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगी।
  
शहर पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने बताया कि विचाराधीन कैदी की मौत के मामले की तय नियमों के मुताबिक मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी।
 
उधर, नरेन्द्र के छोटे भाई विक्रम सिंह तोमर ने कहा कि मुझे आशंका है कि मेरे भाई के साथ जिला जेल में मारपीट की गई थी। मेरे भाई की मौत का मामला बेहद संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि हमें आधिकारिक तौर पर अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि मेरे भाई ने किन हालात में दम तोड़ा। मेरा भाई किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं था। शनिवार को ही उसने जेल से मेरी दीदी से फोन पर बात की थी। तब भी उसने अपनी किसी स्वास्थ्यगत परेशानी का जिक्र नहीं किया था।
 
मूलत: मुरैना जिले के रहने वाले नरेन्द्र को पुलिस ने व्यापमं घोटाले में दलाली के आरोप में 17 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस वक्त वह सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी के रूप में रायसेन जिले में पदस्थ था।
 
तोमर पर आरोप है कि उसने झाबुआ जिले के रहने वाले अमर सिंह मेड़ा से दलाली के रूप में मोटी रकम ऐंठी थी। उसने वर्ष 2009 में आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में फर्जीवाड़े के बूते मेड़ा को शासकीय महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलवाया था। मेड़ा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
 
व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले कार्यकर्ताओं में शामिल डॉ. आनंद राय ने नरेन्द्र की मौत के मामले को गंभीर करार दिया है। 
 
उन्होंने कहा कि इस गंभीर मामले की बारीकी से छानबीन होनी चाहिए। हमें आशंका है कि नरेन्द्र जेल में किसी खतरनाक साजिश का शिकार हुआ ताकि व्यापमं घोटाले में शामिल बड़ी मछलियों को गिरफ्तारी से बचाया जा सके।
 
राय ने बताया कि व्यापमं घोटाले से जुड़े 45 से ज्यादा आरोपियों और गवाहों की मौत हो चुकी है। इनमें से आधे लोगों ने संदिग्ध हालात में दम तोड़ा है।