बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. UP Police
Written By अरविन्द शुक्ला
Last Modified: लखनऊ , रविवार, 25 जनवरी 2015 (10:56 IST)

ऑनलाइन हुई पुलिसिंग, अब नहीं काटने पड़ेंगे थाने के चक्कर...

ऑनलाइन हुई पुलिसिंग, अब नहीं काटने पड़ेंगे थाने के चक्कर... - UP Police
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य की पुलिस को प्रभावी एवं सक्षम बनाने के लिए आवश्यकतानुसार संसाधन उपलब्ध कराने तथा बेहतर प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा हेतु प्रदेश पुलिस की नई योजनाओं का सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा और लोगों को अनावश्यक थानों का चक्कर काटने से राहत मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक सहित अन्य आधुनिक संसाधनों के प्रयोग को बढ़ावा देकर प्रदेश की पुलिस का रिस्पांस टाइम '108' समाजवादी स्वास्थ्य सेवा की तरह कम किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा हेतु प्रदेश पुलिस की नई योजनाओं का सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा और लोगों को अनावश्यक थानों का चक्कर काटने से राहत मिलेगी।
 
मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर जन-सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस की नई जनकेन्द्रित योजनाओं का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
 
उन्होंने शुरु की गई योजनाओं 'खोई वस्तु रिपोर्ट सेवा', 'तत्पर', 'सोशल मीडिया लैब', 'दृष्टि', 'सम्मान' तथा 'उन्नयन' की प्रशंसा करते हुए कहा कि तकनीक आधारित इन योजनाओं से ग्रामीण एवं शहरी जनता को निश्चित रूप से मदद मिलेगी और दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थापित थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्य प्रणाली पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आसानी से निगाह रखी जा सकेगी।
 
यादव ने कहा कि बदलते हुए परिवेश में अपराध के तौर-तरीके भी बदल रहे हैं। इन अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को अपनी कार्य प्रणाली में लगातार बदलाव लाना होगा।
 
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली में व्यापक सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं और भविष्य में भी आवश्यकतानुसार निर्णय लिए जाते रहेंगे। उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बताते हुए कहा कि तथाकथित बेहतर कानून व्यवस्था वाले प्रदेशों की कानून व्यवस्था काफी खराब हालत में है।
 
उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस द्वारा अपनी कार्य शैली में सुधार एवं आवश्यक जरूरतों के लिए बनाई गई योजनाओं की तारीफ देश के गृह मंत्री ने भी की है। उन्होंने कहा कि कोई घटना हो जाने पर मीडिया द्वारा जो कवरेज होता है, उसके सापेक्ष घटना के परिप्रेक्ष्य में की गई कार्रवाई का कवरेज नहीं किया जाता, इससे पुलिस की छवि प्रभावित होती है।
 
राज्य सरकार द्वारा पुलिस आधुनिकीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद कानपुर का आधुनिक पुलिस कन्ट्रोल रूम निर्धारित समय से पहले पूरा हो गया। इसी प्रकार लखनऊ का आधुनिक पुलिस कन्ट्रोल रूम भी शीघ्र ही बन कर तैयार हो गया। 
 
उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार प्रदेश की पुलिस को दुनिया की बेहतरीन पुलिस बनाने के लिए आगे भी काम करती रहेगी। 
 
पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार गुप्ता ने शुरु की गई जन केन्द्रित योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि 'खोई वस्तु रिपोर्ट सेवा' योजना के तहत लोग अपने मोबाइल या नेट के माध्यम से पासपोर्ट, मोबाइल एवं अन्य अभिलेखों के खो जाने पर थाने जाने के बजाए घर बैठे रिपोर्ट लिखाकर डिजीटल हस्ताक्षरित पावती प्राप्त कर सकेंगे।
 
इसी प्रकार 'तत्पर' योजना के माध्यम से मात्र एक बटन दबाकर रजिस्टर्ड संस्थाएं आस-पास के तीन थानों की मदद प्राप्त कर सकेंगी। भविष्य में सोशलमीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए 'सोशल मीडिया लैब' परियोजना की स्थापना की जा रही है।
 
'दृष्टि' परियोजना के तहत लखनऊ के 70 चौराहों पर 280 कैमरे लगाए जा रहे हैं। आज इस योजना का सॉफ्ट लांच किया गया है।
 
इसी प्रकार 'सम्मान' योजना के तहत प्रदेश के जीआरपी थानों सहित सभी थानों में 2-2 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे। पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में जनपद लखनऊ के गाजीपुर, हजरतगंज, महानगर तथा नाका थानों में कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं।
 
उन्होंने बताया कि 'उन्नयन' योजना के तहत थानों के वर्तमान स्वरूप को आधुनिक बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रथम चरण में लखनऊ के चौक, हुसैनगंज एवं गाजीपुर थानों का उन्नयन किया जाएगा।