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Last Modified: मंगलवार, 21 अप्रैल 2015 (14:20 IST)

पत्नी की याद में रिटायर्ड पोस्टमास्टर ने बनवाया 'ताजमहल'

पत्नी की याद में रिटायर्ड पोस्टमास्टर ने बनवाया 'ताजमहल' - Taj mahal
उत्तर प्रदेश शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा कि वो भी शाहजहां की तरह अपनी बेगम के लिए ताजमहल का बनाएगा। लेकिन, साल 2012 में एक पति ने अपनी पत्नी की याद में यह बात सच साबित कर दिखाई और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक और ताजमहल का निर्माण करवा दिया। हालांकि जो अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है। इस ताजमहल को बनवाने वाला कोई राजा महाराजा नहीं बल्कि एक रिटायर्ड पोस्टमास्टर है। लेकिन, इसमें एक समानता यह है कि यह दूसरा ताजमहल भी उत्तर प्रदेश में ही बन रहा है।

बुलंदशहर के रिटायर्ड पोस्टमास्टर फैजुल हसन कादरी (78 वर्ष) ने अपनी स्वर्गीय पत्नी तज्जमुली बेगम की याद में एक मिनी ताजमहल बनवाया है। इस ताजमहल की आकृति हूबहू आगरा के ताजमहल जैसी ही है, लेकिन यह देखने में एकदम साधारण है क्योंकि यह मात्र 15 लाख रुपए की लागत से तैयार हुआ है। फैजुल हसन कादरी और तज्जमुली बेगम के कोई संतान नहीं थी।

इसलिए तज्जमुली बेगम ने अपने पति से कहा कि हमें कोई ऐसी इमारत बनवानी चाहिए जिससे की मरने के बाद भी लोग हमें याद करें। तब फैजल ने अपनी बीवी से वादा किया कि वो हूबहू ताजमहल जैसी एक छोटी इमारत बनवाएगा। दिसंबर 2011 में बेगम तज्जमुली का निधन हो गया और फैजल ने फरवरी 2012 में अपने वादे के अनुरूप अपनी घर की खाली प्लाट पर मिनी ताजमहल का काम शुरू करवा दिया।

इसके लिए वो पहले कारीगरों को ताजमहल घुमा कर लाए ताकि वो डिजाइन को अच्छी तरह समझ सकें। फैजुल हसन कादरी के पास कुछ रुपए तो बचत और प्रोविडेंट फंड के थे, लेकिन बाकी रकम का इंतजाम उन्होंने जमीन और अपनी मरहूम बीवी के गहने बेचकर किया। कुल मिलाकर 13 लाख रुपए इकट्‍ठे हुए जिनसे 18 महीनो में एक ढांचा खड़ा हो गया।

हालांकि फिर पैसे खत्म होने के कारण काम बंद करना पड़ा। लोगों ने उन्हें मदद की पेशकश की मगर उन्होंने यह कह कर ठुकरा दी की इसका सम्पूर्ण निर्माण मैं अपने पैसों से करवाऊंगा। अब जैसे-जैसे उनके पास अपनी पेंशन के रुपए इकट्‍ठे होते हैं, वो इसका काम करवाते रहते है। फैजुल हसन कादरी ने अपनी बेगम की कब्र ताजमहल में बनवा दी है और लोगों को कह रखा है कि उनके मरने के बाद उन्हें भी अपनी बेगम के बगल में दफना दिया जाए। (hindi.news18.com से)