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Last Modified: मुंबई ,
शनिवार, 18 अप्रैल 2015 (15:56 IST)
शिवसेना ने भाजपा मंत्री को लिया आड़े हाथ
मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना ने मल्टीप्लेक्सों में दोपहर 12 से रात 9 बजे के बीच मराठी फिल्मों के प्रदर्शन के लिए ‘प्राइम टाइम’ को फिर से परिभाषित करने पर शनिवार को सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विनोद तावड़े को आड़े हाथ लिया और कहा कि मराठी फिल्मों को उनकी पसंद का आरक्षित स्लॉट मिलना चाहिए।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा कि सरकार ने जब मराठी फिल्मों के लिए प्राइम स्लॉट घोषित किया था, तब चारों ओर प्रसन्नता थी। यद्यपि अगले दिन विनोद तावड़े से मल्टीप्लेक्स मालिकों की मुलाकात के बाद मराठी फिल्म निर्माताओं पर निराशा छा गई है।
इसमें कहा गया है कि मराठी फिल्मों को महाराष्ट्र की राजधानी स्थित मल्टीप्लेक्सों में उनकी पसंद का आरक्षित स्लॉट मिलना चाहिए लेकिन मल्टीप्लेक्स मालिक इससे सहमत नहीं हैं जिसके कारण सरकार के लिए हस्तक्षेप करना जरूरी हो जाता है। इसमें सवाल किया गया है कि क्या मल्टीप्लेक्स मालिक क्षेत्रीय सिनेमा से पश्चिम बंगाल या दक्षिणी राज्यों में व्यवहार कर सकते हैं?
इसमें कहा गया है कि तावड़े को मल्टीप्लेक्स मालिकों से दृढ़ता से व्यवहार करना चाहिए था और सरकार का दृष्टिकोण रखना चाहिए था। यदि सरकार इस पर आगे और राजनीति नहीं चाहती तो उसे टालमटोल की बजाय मराठीभाषियों के हितों को बढ़ावा देना चाहिए।
भाजपा नीत सरकार ने इस महीने के शुरू में यह निर्देश जारी किया था कि मल्टीप्लेक्सों को शाम में प्राइमटाइम स्लॉट में कम से कम एक मराठी फिल्म का प्रदर्शन करना चाहिए। यह निर्देश विवादास्पद बन गया था। (भाषा)