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Last Updated :मुरैना , गुरुवार, 20 नवंबर 2014 (16:51 IST)

शनिदेव की मूर्ति पर नहीं चढ़ेगा यह तेल...

शनिदेव की मूर्ति पर नहीं चढ़ेगा यह तेल... - Shani Mandir
मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में ऐती पर्वत पर स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर में शनीश्चरी अमावस्या के दौरान शनिदेव को मिलावटी और बाहर से लाया गया सरसों का तेल नहीं चढ़ाया जाएगा। स्थानीय जिला प्रशासन ने इस पर प्रतिबंध लगाते हुए मंदिर में ही तेल उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। 
कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने बताया कि पूजा में शुद्ध तेल के प्रयोग की गारंटी के लिए मंदिर प्रबंधन स्वयं ही मंदिर परिसर में 100 ग्राम से लेकर एक लीटर तक शुद्ध सरसों तेल की बोतलें श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराएगा। शुद्धता  के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नजर रखी जाएगी। 
 
उन्होनें बताया कि 21 नवंबर से शुरू हो रहे दो दिवसीय शनि मेले में शनिश्चरी अमावस्या के दिन विभिन्न प्रातों और विदेशों से भारी संख्या में श्रद्धालु यहां आते है। शनिदेव की पूजा में सरसों का तेल चढ़ाने का खास महत्व है। इस बार मुख्य प्रतिमा का क्षरण रोकने के लिए तेल की शुद्धता पर खासा जोर दिया गया है। 
 
यह शनि मंदिर विश्व का सबसे प्राचीन मंदिर  माना जाता है। प्रतिमा आसमान से गिरे उल्कापिंड से निर्मित है। माना जाता है कि मंदिर में शनिदेव  और हनुमान जी की आमने-सामने प्रतिमा की स्थापना चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने करवाई थी। (वार्ता)