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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: सोमवार, 5 सितम्बर 2016 (20:48 IST)

राजनाथ ने अलगाववादियों पर जमकर निकाली भड़ास

राजनाथ ने अलगाववादियों पर जमकर निकाली भड़ास - Rajnath Singh, Kashmir, separatist, talks, an all-party d
श्रीनगर। कश्मीर का एक दिन का दौरा करने के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू में विभिन्न पक्षों से मुलाकात कर लोगों के विचार तो सुने पर कश्मीर की तरह जम्मू के लोगों को मात्र कुछ घंटों का समय देने के कारण लोगों ने इसे सिर्फ खानापूर्ति ही करार दिया है। हालांकि जम्मू आने से पहले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए हुर्रियती नेताओं पर जमकर भड़ास जरूर निकाली थी। 
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथसिंह के नेतृत्व में कश्मीर में शांति बहाली के उदेश्य से राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आया सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू के कन्वेंशन सेंटर दोपहर बाद पहुंचा था। यहां समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से उनकी बातचीत हुई।
 
जम्मू-कश्मीर टैंकर यूनियन, ट्रेड, जम्मू बार एसोसिएशन, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उन्हें उनकी समस्याओं से अवगत करवाया था। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जम्मू दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। शहर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
 
सीआरपीएफ व बीएसएफ की तीन अतिरिक्त कंपनियों को भी तैनात किया गया था। कई रास्तों को सील कर दिया गया था तथा यातायात के लिए कई रास्तों को बदला भी गया था। इससे पहले कश्मीर में हुर्रियत नेताओं से मिलने पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से उनके मिलने से मना कर देने के एक दिन बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अलगाववादियों का रवैया दर्शाता है कि वे ‘कश्मीरियत’, ‘इंसानियत’ और ‘जम्हूरियत’ में यकीन नहीं रखते हैं। प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दूसरे दिन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि वे इस बारे में आश्वस्त हैं कि राज्य में शांति बहाल होगी और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत की है।
 
गृहमंत्री ने कहा कि जहां तक वार्ता का संबंध है तो अमन व सामान्य स्थिति चाहने वालों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी पत्र लिखे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य रविवार को हुर्रियत नेताओं से मिलने गये थे। जिन्हें हमने ना तो जाने के लिए कहा था और ना ही नहीं जाने के लिए। जो कुछ भी हुआ उसके बारे में आप जानते हैं। विस्तार में जाने की मेरी इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन हमें उन दोस्तों ने वापस आ कर जो भी सूचना दी, यह कहा जा सकता है कि यह ‘कश्मीरियत’ नहीं है। इसे ‘इंसानियत’ नहीं कहा जा सकता। कोई बातचीत के लिए जाता है और वो उसे खारिज कर देते हैं, यह ‘जम्हूरियत’ भी नहीं है। शांति और सामान्य स्थिति चाहने वाले हरेक आदमी के साथ बातचीत के लिए हम तैयार हैं। सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर ‘‘हमेशा भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
 
गृहमंत्री ने कहा कि उनकी राज्य की पिछली यात्रा के दौरान पेलेट गनों के इस्तेमाल को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई थीं, जिसके लिए अब गैर घातक ‘पावा’ गोलों की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि इन गोलों से किसी की जान नहीं जाएगी। करीब 1000 गोले यहां पहुंच चुके हैं। घाटी में अस्थिर हालात का जायजा लेने के लिए यहां दो दिवसीय दौरे पर आए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हालात को देखकर पूरा देश और संसद दुखी है। यह पूछे जाने पर कि क्या कश्मीर के मुद्दे पर भारत पाकिस्तान से बातचीत करने की योजना बना रहा है, सिंह ने कहा कि पहले हम भारतीयों से तो बातचीत करें।
 
यह पूछे जाने पर कि समय-समय पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा उठाई जाने वाली स्वायत्तता की मांग पर क्या केन्द्र आगे बढ़ने के लिए तैयार है, उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित नहीं हैं कि अतीत में किसने क्या कहा। कश्मीर के हालात में सुधार के लिए हमने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीतों में सभी के विचार जाने हैं और सहयोग मांगा है। ट्रैक टू चैनल वार्ता के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि वह ‘ट्रैक वन, ट्रैक टू या ट्रैक थ्री’ स्तरीय बातचीत की बहस में नहीं पड़ना चाहते हैं।
 
राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सर्वोच्च ‘पंचायत’ संसद कश्मीर की स्थिति को लेकर बहुत गंभीर है और इसलिए बातचीत के वास्ते उसने सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि 20 दलों के 26 संसद सदस्य प्रतिनिधिमंडल के अंग के तौर पर यहां बातचीत करने के लिए आए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि राज्य के राजनीतिक दलों, नागरिक समाज, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, फल उत्पादकों, छात्रों और बुद्धिजीवियों के 300 सदस्यों वाले 30 से अधिक प्रतिनिधिमंडलों ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के समक्ष अपने विचार रखे हैं।
 
उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता है कि स्थिति में आवश्यक सुधार हो। प्रतिनिधिमंडल ने इन लोगों, राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अधिकारियों से भी बात की है। मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि स्थिति में सुधार होगा जैसा कि लोग भी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दे रहा है।
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