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Last Modified: सोमवार, 20 अक्टूबर 2014 (13:00 IST)

हिंदुओं के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश करें: भागवत

हिंदुओं के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश करें: भागवत - Mohan Bhagwat
लखनऊ। आरएसएस के संगठन विस्तार तथा समन्वय सुधारने की चिंता के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का शुक्रवार को समापन हुआ। सरस्वती शिशु मंदिर, निराला नगर में तीन दिन चले चिंतन व मंथन का देर शाम सात बजे समापन करते हुए सर संघचालक मोहन भागवत ने हिंदुओं के खिलाफ हो रही साजिश का पर्दाफाश करने का आह्वान किया।

प्रश्नोत्तर के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि आरएसएस कभी मुस्लिमों का विरोधी नहीं रहा, लेकिन तुष्टिकरण का साथ कभी नहीं दिया जाएगा। देश के कई प्रदेशों में तुष्टिकरण के नाम पर द्वैष की राजनीति की जा रही है। समाज तोड़ने की साजिश के प्रति सर्तकता बरती जानी चाहिए।

मोगहन भागवत ने देश की अनुकूल बनी परिस्थिति में दलितों और युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने पर जोर दिया। संघ प्रमुख ने हिन्दुत्व का एजेंडा मजबूत करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चलने की बात कही। उनका कहना था समाज में बदलाव सत्ता से नहीं, समरसता और सेवा कार्यो से आता है। दलितों और अति पिछड़ों में समरसता बढ़ाने की जरूरत है।

खासकर युवाओं में संघ कार्यो के प्रति बढ़ी रूचि को स्थायी स्वरूप देने की जरूरत है। संगठन के विस्तार को किए अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जाए और समन्वय को बेहतर करें। हिंदुओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साजिशों के प्रति सतर्क रहना होगा ताकि मजबूती से जवाब दिया जा सके।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने करीब एक घंटे के संबोधन में गत दिनों बैठक में उठे प्रश्नों का जवाब भी दिया। केंद्र सरकार की पीठ ठोंकते हुए कहा कि देश सार्थक परिर्वतन की ओर बढ़ रहा है। सरकार को अभी समय दिए जाने की जरूरत है। विभिन्न योजनाओं का लाभ जन सामान्य तक पहुंच सके, इसकी चिंता होनी चाहिए।

गौरतलब है कि शनिवार को बैठक में भारतीय मजूदर संघ, विश्व हिंदू परिषद व स्वदेश जागरण मंच जैसे सहयोगी संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों पर एतराज दर्ज कराया था।

संघ प्रमुख ने सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भी केंद्र सरकार की कोशिशों का सराहा। उनका कहना था कि घुसपैठियों व हमलों का जवाब दिया जा रहा है। आंतरिक स्थितियों पर भी काबू करने की आवश्यकता है। देश में हो रहे बदलाव का अनुकूल असर भी दिखने लगा है। कुछ राज्यों में स्थिति अभी बेहतर नहीं है, वहां गंभीरता से काम किया जाए। (एजेंसी)