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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 22 मई 2015 (18:14 IST)

अवैध संबंध मामले पर कुमार विश्वास राहत नहीं

अवैध संबंध मामले पर कुमार विश्वास राहत नहीं - Kumar Vishwas
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी की एक कार्यकर्ता की शिकायत पर पार्टी नेता कुमार विश्वास को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की ओर से जारी समन पर स्थगन लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। इस महिला का आरोप है कि विश्वास उसके अवैध संबंध संबंधी अफवाहों का खंडन नहीं कर रहे हैं जिससे उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई है।
हालांकि न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने समन पर रोक लगाने की विश्वास की अर्जी  पर दिल्ली महिला आयोग, उसकी अध्यक्ष बरखासिंह और आप की महिला  कार्यकर्ता को नोटिस जारी किए। अदालत ने कहा कि डीसीडब्ल्यू, प्रतिवादी 3 (बरखा सिंह) को नोटिस जारी किया  जाए। मिस एक्स (आप कार्यकर्ता जिसने आयोग में शिकायत की है) को भी नोटिस  जारी किया जाए। अदालत ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को प्रतिवादियों को  नोटिस के साथ याचिकाकर्ता (विश्वास) की याचिका की प्रति भी संलग्न करने का  निर्देश दिया।
 
विश्वास द्वारा पक्षकारों की संशोधित सूची दाखिल करने के बाद अदालत ने ये  नोटिस जारी किए। इस सूची में दिल्ली सरकार भी शामिल है। अदालत ने सूची में  संशोधन का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति शकधर ने शुक्रवार को विश्वास के वकील सोमनाथ भारती को उपयुक्त प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन के साथ पक्षकारों की नयी सूची दाखिल करने का निर्देश दिया। 
 
अदालत में मौजूद दिल्ली सरकार के वकील रमण दुग्गल ने कहा कि इस मामले में सरकार को बतौर पक्षकार जरूरत नहीं है। इसके बाद अदालत ने इस मामले से  दिल्ली सरकार को बतौर पक्षकार हटा दिया। विश्वास के वकील इस मामले में  उसकी मौजूदगी को सही नहीं ठहरा पाए थे।
 
अदालत ने विश्वास के इस अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया कि समन पर  रोक लगाई जाए। अदालत ने कहा कि पहले प्रतिवादियों को अपने जवाब के साथ  आने दीजिए, उसके बाद वह उस पर गौर करेगी। न्यायमूर्ति शकधर ने कहा कि नहीं, मैं इस चरण में समन पर रोक नहीं लगाऊंगा। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख एक जुलाई तय की।
 
सुनवाई के दौरान अदालत ने भारती द्वारा बिना आवदेन के पक्षकारों की संशोधित  सूची दायर करने पर नाराजगी प्रकट की और कहा कि पहले आपको केस प्रस्तुत  करना है। प्रक्रियागत पहलू का पालन होना है। डीसीडब्ल्यू में महिला की  शिकायत के बारे में बताए जाने पर न्यायमूर्ति शकधर ने कहा कि जब वह कानून  के मुताबिक आगे बढ़ेंगे तब सभी पहलुओं को सुनेंगे।
 
अदालत कक्ष में मीडिया की मौजूदगी का भारती द्वारा जिक्र करने पर अदालत ने कहा कि बाहर जो कुछ हो रहा है, उससे आपको दबाव में नहीं आना चाहिए। यह सार्वजनिक सुनवाई है। अदालत का मत था कि याचिका में त्रुटि है और उसने कहा कि आप कार्यकर्ता को इस मामले में पक्षकार बनाया जाना चाहिए था क्योंकि उसकी ही शिकायत पर समन जारी किया गया है।
 
समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता की मौजूदगी  के बगैर इस चरण में कोई राहत नहीं दी जा सकती है। याचिकाकर्ता ने ऐसे समन जारी करने को लेकर डीसीडब्ल्यू के प्राधिकार पर सवाल उठाया और कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे से निबटना आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा कि महिला को सार्वजनिक बयान देने से रोका जाए। विश्वास ने यह भी कहा कि डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष बरखासिंह राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही हैं।
 
आयोग ने विश्वास, उनकी पत्नी और दो अन्य को चार मई को पेशी के लिए  बुलाया था। जब वे पेश नहीं हुए तो आयोग ने छह मई के लिए ताजा समन  जारी कर दिया। महिला की शिकायत पर आयोग ने कहा था कि कार्यकर्ता ने अमेठी में सालभर  पार्टी के लिए काम किया और अब यह उसके आदर एवं सम्मान का मामला है।  कुमार को पेश होकर अपनी सफाई देनी चाहिए।
 
महिला ने कहा था कि उसने विश्वास के साथ चुनाव प्रचार किया था। विश्वास  2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ  चुनाव मैदान में उतरे थे। उसे सोशल मीडिया, पहले फेसबुक और बाद में व्हाट्सअप पर मेसैज आया और उसमें उसकी तस्वीर थे, विश्वास पर उसके साथ अवैध संबंध रखने का आरोप  लगाया गया। महिला ने कहा था कि विश्वास की पत्नी सामने आकर सफाई दे। महिला के  मुताबिक उसने 29 मार्च को यहां नंदनगरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। (भाषा)