श्रीनगर। हालांकि प्रशासन द्वारा 3 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरी कश्मीर घाटी से कर्फ्यू हटाए जाने के कारण सोमवार को श्रीनगर शहर में जनजीवन सामान्य होने लगा है, पर कई इलाकों में हिंसा पर उतारू भीड़ द्वारा हिंसा फैलाए जाने के बाद समाचार भिजवाए जाने के समय अधिकारी कई इलाकों में फिर से कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रहे थे।
श्रीनगर, बारामूला और बांडीपोरा से हिंसा की घटनाओं के समाचार लगातार मिल रहे थे, जहां पैलेट गन के इस्तेमाल से बीसियों कश्मीरी जख्मी हो चुके थे। इस बीच जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह 4 सितंबर को कश्मीर का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने जा रहे हैं।
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से बीते 52 दिनों से घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलवामा शहर और श्रीनगर के एमआर गंज तथा नौहट्टा थाना क्षेत्रों के तहत आने वाले इलाकों को छोड़कर कश्मीर से कर्फ्यू हटा लिया गया है। हालात में सुधार के मद्देनजर पाबंदियों को भी हटा लिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि हालांकि कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए घाटी के संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात रखा जाएगा। झड़पों के चलते अब तक 2 पुलिसकर्मियों समेत 71 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हुए हैं।
अधिकारी ने बताया कि सोमवार को सुबह सड़कों पर ऑटो रिक्शा और निजी वाहन जरूर नजर आए लेकिन सार्वजनिक वाहन नदारद रहे। निजी वाहनों के सड़कों पर उतरने के कारण लाल चौक की ओर जाने वाले मार्ग रामबाग-राजबाग तिराहे पर थोड़ा जाम लग गया। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बढ़ी। बैंकों के खुलते ही ग्राहक इनमें उमड़ पड़े।
हालांकि, स्कूल-कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थान और दुकानें बंद रहीं। अलगाववादियों ने लोगों से सोमवार को आह्वान किया कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर वे अन्य सभी सरकारी कार्यालयों को बंद करा दें।
अलगाववादियों ने अपने साप्ताहिक प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान कहा कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी कार्यालयों को बंद कराएं। किसी भी सरकारी कर्मचारी को कार्यालय नहीं जाने दें। यही कारण था कि बिजबिहारा में सरकारी कर्मचारियों को ले जा रही बस पर पत्थराव के कारण 10 सरकारी कर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं।
पूरी घाटी में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा अब भी निलंबित है। प्रीपेड मोबाइल नंबरों पर आउटगोइंग सेवा पर अब भी प्रतिबंध लगा हुआ है। वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रदर्शनों के दौरान आम नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे अलगाववादी गुटों ने घाटी में हड़ताल की अवधि 1 सितंबर तक बढ़ा दी है।
इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। उम्मीद है कि घाटी में शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल विभिन्न तबकों के लोगों से बातचीत करेगा।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल 4 सितंबर को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा और गृहमंत्री इसका नेतृत्व करेंगे। कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के प्रयासों के तहत प्रतिनिधिमंडल के विभिन्न तबकों के लोगों और संगठनों से मिलने की उम्मीद है।
गृहमंत्री की रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह के साथ 1 घंटे तक बैठक हुई थी।