दो बार कुदरत के कहर से बची जान
श्रीनगर। शहर के एक भीतरी इलाके में रहने वाले गड्डा परिवार के लिए जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की हालिया तबाही इसी वर्ष घाटी में हुए भारी हिमपात के खौफनाक मंजर का दुखद दोहराव है, लेकिन परिवार को इस बात की राहत भी है कि दोनों त्रासदियों से उनके यहां किसी की जान नहीं गई।
राज्य की गर्मियों की राजधानी श्रीनगर के बटमालू इलाके में अपने शोरूम और गोदाम में कारपेट और अन्य फर्निशिंग वस्तुओं का कारोबार करने वाले परिवार को जाड़ों में भारी नुकसान उठाना पड़ा था, जब भारी हिमपात के कारण बर्फ के बोझ से उनका गोदाम ढह गया था जिससे इमारत के साथ साथ उसमें रखे सामान को भी खासा नुकसान पहुंचा था।
मुदासिर अहमद गड्डा ने बताया कि बर्फ ने गोदाम को नष्ट कर दिया। गलीचे, पायदान सहित फर्निशिंग का बहुत-सा सामान क्षतिग्रस्त हो गया। मुदासिर कारोबार में अपने पिता जहूर अहमद गड्डा की मदद करते हैं।
भारी नुकसान उठाने से परेशान परिवार ने जैसे-तैसे फिर हिम्मत बटोरी और धीरे-धीरे नए सिरे से अपने कारोबार को खड़ा करना शुरू किया। परिवार खुद पर आई इस आफत को भूलने की कोशिश कर ही रहा था कि कुदरत के एक और कहर ने एक बार फिर उनकी कमर तोड़कर रख दी।
5 सितंबर को जब श्रीनगर में बाढ़ का पानी घुसा तो गड्डा परिवार का गोदाम एक बार फिर उसकी जद में आया और उसमें रखा सामान बर्बाद हो गया। इससे परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। (भाषा)