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Last Modified: शनिवार, 23 मई 2015 (12:22 IST)

नक्‍सलियों के कब्‍जे में 38 गांव, 35 बच्चे, पुलिस लाचार

नक्‍सलियों के कब्‍जे में 38 गांव, 35 बच्चे, पुलिस लाचार - Jharkhand Maoist
रांची। झारखंड के 38 गांव नक्सलवादियों के कब्जे में हैं जो गुमला, लातेहार और लोहरदगा जिले में आते हैं। पुलिस का इन गांवों पर कोई नियंत्रण नहीं है। इस सच का खुलासा डीजीपी डीके पांडेय ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में किया। उन्होंने कहा कि उक्त तीन जिलों के 38 गांवों में पहुंचना पुलिस के लिए आसान नहीं है।

सबसे चौंकने आली बात गुमला जिले के 35 बच्चों को नक्सलियों द्वारा उठा लिया गया है जिसको ढूंढने या वापस लाने में जब पुलिस नाकाम हो गई तो हाईकोर्ट ने डीजीपी को फटकार लगाते हुए सेना की मदद लेने की सलाह दी।  अदालत ने इसे अत्यंत गंभीर बताते हुए डीजीपी को हर हाल में बच्चों को ढ़ूंढने का निर्देश दिया।

अदालत ने डीजीपी से कई सवाल किए। उसने पूछा कहां गए बच्चे? कौन ले गया उन्हें? वे जिंदा हैं या मार दिए गए? यदि जिंदा हैं तो हर हाल में उचहें खोजा जाना चाहिए। भले ही इसके लिए सेना की ही मदद क्यों न लेनी पड़े. पुलिसिंग पर सवाल उठाते हुए अदालत ने कहा कि ये 38 गांव देश में ही हैं, किसी अन्य देश में तो नहीं. इन पर कानून का राज बहाल करने के लिए सिर्फ चलान नहीं, एक्शन चाहिए।

डीजीपी पांडेय ने कहा कि करीब 40 वर्ग किमी के क्षेत्र में नक्सलियों का स्पष्ट वर्चस्व है। इन पर नक्सली नकुल यादव के दस्ते का कब्जा है। अब तक पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान में लापता छह बच्चों को वापस लाया गया है, जबकि 29 बच्चे अब भी उसी दस्ते के कब्जे में हैं। सरकार के पास ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक्शन प्लान है। इस दिशा में काम किया जा रहा है।

डीजीपी ने केंद्र से मिली राशि के बाबत बताया कि प्रत्येक जिले को तीस करोड़ रुपए मिलते हैं जो राज्य के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिले के डीसी को दिए जाते हैं, न कि पुलिस को। डीजीपी ने विस्तृत रिपोर्ट दायर करने को चार हफ्ते के समय की मांग की।

अदालत ने डीजीपी से उक्त तीन जिलों को आईएपी (इंटिग्रेटेड एक्शन प्लान) के तहत दिए गए नब्बे करोड़ रुपए का हर हाल में हिसाब मांगा। अदालत ने पूछा कि उन पैसों का क्या हुआ? ऐसा लगता है मानो केंद्र से मिले पैसों को राज्य सरकार सही तरीके से खर्च नहीं कर रही है। अदालत ने केंद्र सरकार को भी अब राज्य को मिले पैसे को पूरा हिसाब देने को कहा है। अदालत ने राज्य और केंद्र सरकार को विस्तृत जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। (एजेंसी)