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Written By हिमा अग्रवाल
Last Modified: गुरुवार, 19 नवंबर 2020 (17:42 IST)

कुकर्मी इंजीनियर की कहानी, मोबाइल गेम का लालच दे 50 बच्चों को बनाया हवस का शिकार

कुकर्मी इंजीनियर की कहानी, मोबाइल गेम का लालच दे 50 बच्चों को बनाया हवस का शिकार - JE sexually abuses children in Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक बच्चों से कुकर्म करने के आरोपी सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। JE पर बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर जिलों के बच्चों का यौन उत्पीड़न का आरोप है। 
 
सीबीआई ने गुरुवार को जेई रामभवन को रिमांड पर लेने के लिए बांदा कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने सुनवाई के लिए आगामी 24 नवंबर की तारीख तय की है। इस बीच, 30 नवंबर तक के लिए आरोपी जूनियर इंजीनियर रामभवन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

रामभवन पर आरोप है कि विगत कुछ वर्षों में उसने बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को बहला-फुसलाकर कर उनके साथ अप्राकृतिक यौन शोषण किया, सीबीआई का मानना है की 50 से अधिक बच्चों के साथ जेई द्वारा कुकर्म किया गया है।

अब वीडियो खरीदने वालों की तलाश : रामभवन कमजोर वर्ग के बच्चों को अपने आसपास में तलाश करता, उनको लालच देकर कुकर्म करने का वीडियो मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लेता था। मोबाइल से वीडियो शूट करने के बाद उसे इंटेरनेशनल पोर्न मार्केट में ऑनलाइन बेच दिया करता, उसके बनाए गए अधिकांश वीडियो मोबाइल से शूट किए गए हैं। अब जांच एजेंसियां जेई के देश-विदेश में फोटो वीडियो खरीदने वाले गिरोह को भी तलाश रही है।

सीबीआई के सूत्रों के हवाले से बीती 31 अक्टूबर को 14 पॉक्सो एक्ट, 67बी आईटी एक्ट और 377 आईपीसी धाराओं के तहत एक केस दर्ज किया था, जिसकी एफआईआर संख्या 10 (S)/2020 CBI/SC.।।।/ NEW DELHI है, जिसमें 48 साल के जूनियर इंजीनियर को अप्राकृतिक यौन शोषण का दोषी पाया गया है।

सीबीआई ने रामभवन को गिरफ्तार करके बांदा पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी की 5 दिन की रिमांड मांगा था, लेकिन आरोपी इंजीनियर को अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट ने उसे 1 दिन का समय दिया था। एक दिन बाद फिर से कोर्ट में आरोपी के वकील द्वारा समय की मांग की गई, कोर्ट ने यानी 19 नवंबर की तारीख दी थी। 
आज बांदा के अपर सत्र न्यायाधीश पंचम रिजवान अहमद की कोर्ट में आरोपी जेई की ऑनलाइन वर्चुअल पेशी हुई। पेशी के दौरान आरोपी पक्ष के वकील ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया तो अभियोजन पक्ष ने उस पर समय मांग लिया। जिसके चलते आज फिर से कोर्ट द्वारा सीबीआई को रिमांड नहीं मिल पाई है।

अब इस संबंध में अभियोजन और आरोपी पक्ष 24 नवंबर को कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे, जिसके बाद कोर्ट रिमांड के मामले में अपना फैसला देगी। वहीं, CBI की मांग पर कोर्ट ने 30 नवम्बर 2020 तक जेई रामभवन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।

50 से अधिक बच्चों को बनाया शिकार : माना जा रहा है कि आरोपी इंजीनियर जिन 50 से अधिक बच्चों को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया है, वह उसके नजदीकी और रिश्तेदार हैं या फिर गरीब तबके से हैं। उसने 16 साल तक के बच्चों का यौन शोषण किया है। उनमें 30 बच्चे चित्रकूट से और 25 बच्चे बांदा जिले से हैं। यह बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स दिखाकर अपने जाल में फंसाता था। भोले-भाले बच्चे मंहगी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की चाह में रामभवन के बनाए जाल में फंस जाते हैं।

जानकारी के मुताबिक जेई रामभवन मूल रूप से बांदा के नरैनी कस्बे का रहने वाला है। सन 2010 में इसका चयन सिंचाई विभाग चित्रकूट में हुआ था। जेई पर एक युवती को प्रताड़ित करने का आरोप भी लगा था, प्रताड़ित युवती के परिजनों ने आरोप लगाया था कि 2012 में कपसेठी गांव में जेई से परेशान होकर युवती ने खुदकुशी की थी। रामभवन की इस करतूत ने एक बार फिर से निठारी कांड की याद दिला दी है।
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