Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 27 जुलाई 2015 (15:16 IST)
जयललिता को डीए मामले में न्यायालय का नोटिस
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता और 3 अन्य को आय से अधिक संपति के मामले में बरी करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सोमवार को उन्हें नोटिस जारी किए।
न्यामयूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल की खंडपीठ ने जयललिता के साथ ही उनकी निकट सहयोगी शशिकला और उनके 2 सहयोगी वीएन सुधाकरण तथा एलावरसी को भी नोटिस जारी किए। इन सभी को 8 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने हैं।
उच्च न्यायालय ने 11 मई के आदेश में व्यवस्था दी थी कि अन्नाद्रमुक सुप्रीमो को दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले में खामियां थीं और यह कानून के सामने टिक नहीं सकता। उच्च न्यायालय की इस व्यवस्था ने जयललिता के फिर से तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ कर दिया था।
कर्नाटक सरकार ने इस फैसले के खिलाफ दायर अपील में दलील दी है कि राज्य सरकार की मुकदमा चलाने वाली एजेंसी को उच्च न्यायालय में पक्षकार नहीं बनाया गया। याचिका में यह भी दावा किया गया कि उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक नेता की आय से अधिक संपत्ति की गणना करने में गलती की।
विशेष अदालत ने पिछले साल 27 सितंबर को जयललिता को भ्रष्टाचार के अपराध में दोषी ठहराते हुए उन्हें 4 साल की कैद और 100 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। विशेष अदालत ने जयललिता के साथ 3 अन्य को भी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए उन्हें भी 4-4 साल की कैद और 10-10 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 17 अक्टूबर को जयललिता को सशर्त जमानत दी थी। (भाषा)