इंदौर डीआईजी ने नशे के खिलाफ खोला मोर्चा
इंदौर। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब से इंदौर पुलिस को 'फ्री हैंड' किया है, तब से शहर में गुंडों के खिलाफ जमकर मुहिम छेड़ने के बाद अब पुलिस ने नशे से जुड़े कारोबारियों के खिलाफ बड़े स्तर पर नकेल कसना शुरू कर दी है। इंदौर के डीआईजी राकेश गुप्ता ने शहर में नशे के खिलाफ मोर्चा खोला है क्योंकि चाकूबाजी की घटनाओं से यह साबित हुआ था कि अपराधी नशे में घटनाओं को अंजाम देते हैं।
डीआईजी गुप्ता की यह मेहनत रंग भी लाई और पुलिस ने 30 स्थानों पर छापे मारकर कई लोगों को पकड़ा है। पुलिस द्वारा शराब, ब्राउन शुगर, नाइट्रावेट और गांजा बेचने वालों के खिलाफ कार्यवाही की है।
उनका मानना है कि पिछले दिनों इंदौर में बढ़ते अपराधों की मुख्य वजह नशा रहा है और सिलसिलेवार हुई चाकूबाजी की घटनाओं से यह साबित भी हुआ है। यही कारण है कि उन्होंने थाना प्रभारियों को नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इन थाना प्रभारियों की कार्यवाही की जानकारी एएसपी के मातहत हुई ताकि कहीं कोई गड़बड़ नहीं हो सके। मंगलवार की रात इन 30 छापों में सभी एएसपी शामिल हुए और उन्होंने कई लोगों को हिरासत में लिया।
डीआईजी गुप्ता ने कहा कि मैं शहर के लोगों से भी आग्रह करता हूं कि यदि उन्हें कहीं नशा बिकने की जानकारी मिलती है तो वे सीधे मुझसे मिल सकते हैं। यही नहीं वे पुलिस कंट्रोल रूम को भी नशा बेचने वालों की जानकारी दे सकते हैं।
गुप्ता ने कहा कि इंदौर पुलिस शहर में गुंडों के खिलाफ अपनी कार्यवाही जारी रखेगी। साथ ही साथ शहर की क्राइम ब्रांच को भी निर्देशित किया गया है कि चाकूबाजी करने वाले जिन अपराधियों की सूची बनाई गई है, उस पर वे नजर रखें।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने महूनाका स्थित पेट्रोल पंप पर लूट और हत्या के बाद शहर में सिलसिलेवार चाकूबाजी की घटनाओं ने आम शहरी लोगों को सकते में डाल दिया था।
इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान ने चिंता जताई थी और इंदौर पुलिस को फ्री हैंड करते हुए गुंडों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने को कहा था। पुलिस ने पिछले 10 दिनों के भीतर 1500 गुंडों को गिरफ्तार किया है। कई गुंडों की सार्वजनिक पिटाई उनके ही इलाकों में की, जहां पर वे दहशत फैलाते थे। (वेबदुनिया न्यूज)