शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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महुए के पेड़ पर चीकू के फल..!

महुए के पेड़ पर चीकू के फल..! - Horticultural grafting technique
क्या महुए के पेड़ पर चीकू का फल लग सकता है? सुनने में यह बात थोड़ी अटपटी लगे, लेकिन यह कमाल कर दिखाया है शाजापुर जिले के एक किसान ने। 80 साल के बुजुर्ग किसान लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने ग्राफ्टिंग तकनीक के जरिए महुए के पेड़ पर चीकू को ना सिर्फ लगाया बल्कि इस पेड़ पर चीकू के स्वस्थ्य और मीठे फल उग भी रहे हैं।
बागवानी से खास लगाव रखने वाले इस किसान ने खेत पर बने अपने दो बीघा के बगीचे को कई देशी विदेशी प्रजातियों के फलदार और सुंगधित पौधों से सजा रखा है और सबसे खास बात यह है कि बगीचे में लगने वाले चीकू, संतरा, पपीता, अमरूद जैसों फलों का यहां आने वाले लोगों को मुफ्त खिलाते हैं। 
 
पनवाड़ी गांव के सरपंच रह चुके इस बुजुर्ग किसान को उद्यानिकी से खासा लगाव है। वे हर पल इसमें कुछ नया करने में लगे रहते हैं और इसी जज्बे के चलते उन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसको लेकर वैज्ञानिक भी दंग हैं।  इन्होंने ग्राफ्टिंग की नई तकनीक के जरिए महुए के पेड़ पर पर चीकू को जोड़ा और यह अनोखा प्रयोग कामयाब भी रहा।
 
अब महुए के पेड़े पर मीठे-मीठे चीकू की बहार है। यह ग्राफ्टिंग तकनीक इससे पहले वो दूसरे पौधों पर भी आजमा चुके हैं। उम्र के बंधन से परे इस किसान की मेहनत 2 बीघा के बगीचे के इन खिलखिलाते पौधों में झलकती है। इस बगीचे में रुद्राक्ष, सिंदूर जैसे दुर्लभ पौधे भी हैं तो संतरा, पपीता, अमरूद जैसे फल भी।
 
इन सब के बीच जो सबसे खास बात है वो यह है कि अपनी कड़ी मेहनत से उगाए इन फलों का ये व्यापार कतई नहीं करते बल्कि इन्हें वो बगीचे में आने वाले लोगों को बड़े प्यार से मुफ्त में खिलाते हैं। इसके पीछे उनकी मंशा बस इतनी है कि युवा इससे प्रेरित हों और वह इसे पेशे के रूप में अपनाएं। (hindi.news18.com से)