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Last Modified: हरिद्वार , शनिवार, 22 अक्टूबर 2016 (15:51 IST)

प्रकृति केन्द्रित विकास ही वास्तविक विकास-गोविंदाचार्य

प्रकृति केन्द्रित विकास ही वास्तविक विकास-गोविंदाचार्य - Govindacharya in Media Choupal
हरिद्वार। गोविंदाचार्य ने विकास की परिभाषा को बताते हुए कहा कि हम जिधर बढ़ें उधर ही विकास होता है। मानव केन्द्रित विकास से प्रकृति केन्द्रित विकास की ओर ले जाने वाला विकास ही सही मायनों में विकास होता है।
 
हरिद्वार के ‘निष्काम सेवा ट्रस्ट’ में दो दिवसीय मीडिया चौपाल के उद्‍घाटन स‍त्र में देशभर से आए 300 चौपालियों को संबोधित करते हुए गोविंदाचार्य ने विकास की परिभाषा को बताते हुए कहा कि हम जिधर बढ़ें उधर ही विकास होता है। मानव केन्द्रित विकास से प्रकृति केन्द्रित विकास की ओर ले जाने वाला विकास ही सही मायनों में विकास होता है। समाज की कमजोर कड़ी का जितना विकास होगा वही वास्तविक विकास होगा।
 
उन्होंने कहा कि गंगा ज्ञान, यमुना प्रेम, तथा नर्मदा वैराग्य की नदी है। गांव, किसान, नदी, पहाड़, पशु जब तक विकास की केन्द्रीय धुरी में नहीं होंगे तब तक होने वाले सभी विकास विनाश को ही आमंत्रित करेंगे। सबके साथ मिलकर जीना ही जीने का कौशल है। सह-अस्तित्व के सिद्धांत को ध्यान में रखकर प्रकृति केन्द्रित विकास ही आज की मूलभूत आवश्यकता है। वर्तमान विकास की अवधारणा इससे थोड़ा दूर है।
 
उत्तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री और सांसद रमेश पोखरियाल ने कहा कि जिस विकास के पीछे हम दौड़ रहे हैं, उस विकास में समन्वयता की जरूरत है। हमारा उद्देश्य स्वार्थ हित मे नहीं बल्कि बहुआयामी है,  इसलिए लोग हमारे विचारों को स्वीकार कर रहे हैं।
 
समाजसेवी अनूप नौडियाल ने कहा कि युवाओं में सीखने और जानने की जिज्ञासा होती है, इसलिए मीडिया चौपाल उन्हें प्रेरणाप्रद मंच प्रदान करता है। निस्केयर के प्रमुख डॉ. मनोज पटेरिया ने बताया हम ऐसा मंथन करें कि समाज में विकास संचार के माध्यम से हमारे चारों ओर जागरूकता फैले। 
 
समकालीन व सामाजिक विकास के ज्वलंत विषयों पर आधारित यह पांचवा मीडिया चौपाल है। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रमुख आशीष गौतम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। चौपाल में देव संस्कृति विश्सवविद्यालय के विद्यार्थियों ने गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ किया। इसके साथ ही मीडिया चौपाल की सम्पूर्ण विवेचना को प्रस्तुत करते एक समाचार पत्र का भी विमोचन किया गया।
 
दो दिन चलने वाली मीडिया चौपाल में देश भर के अनके विद्वान विकास एवं मीडिया से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखेंगे। जिसमें वेदांत में आधुनिक विज्ञान की प्रासंगिकता, आनन्द का विज्ञान और विकास के विभिन्न आयामों की अवधारणा, संचार की आवश्यकता, संचारकों की नई भूमिका एवं वर्तमान मीडिया परिदृश्य में ‘सूचनाओं से बेहाल जनता व संदेशों के अकाल से ग्रसित मीडिया’ का समाधान क्या है? जैसे ज्वलंत मुद्दों पर संवाद किया जाएगा। 
 
चौपाल के मुख्य आयोजक स्पंदन के साथ देव संस्कृति विश्वविद्यालय, दिव्य प्रेम सेवा मिशन, इण्डिया वाटर पोर्टल, निस्केयर, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय कर रहा है। कार्यक्रम में अनिल सौमित्र, केसर सिंह, संजय चतुर्वेदी, वेबदुनिया के संपादक जयदीप कर्णिक, हर्षवर्धन त्रिपाठी, डॉ. सुखनंदन सिंह, आशीष अंशु, कुसुमलता केडिया, अनिल सति आदि मौजूद थे।
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