Last Modified: नई दिल्ली ,
मंगलवार, 23 मई 2017 (20:00 IST)
'महिला खतना’को आईपीसी में अलग से अपराध बनाया जाए
नई दिल्ली। वकीलों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह की रिपोर्ट में कहा गया कि महिला खतना (एफजीएम) को भारतीय दंड संहिता के तहत एक अलग से अपराध बनाया जाना चाहिए।
इस परंपरा को रोकने के उपाय करने की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट ऐसे समय आई है जबकि कुछ दिन पहले खबर थी कि महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने संकेत दिए कि वे इस परंपरा को रोकने की दिशा में कदम उठाएंगी।
एनजीओ ‘लायर्स कलेक्टिव’ और ‘स्पीक आउट ऑन एफजीएम’ द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय दंड संहिता और बाल यौन उत्पीडन रोकथाम कानून जैसे वर्तमान कानून एफजीएम से निपट तो सकते हैं लेकिन एफजीएम की परिभाषा को इनमें शामिल करने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि यह कृत्य करवाने वाले माता-पिता या इसे उकसाने वालों को दंड दिया जाना चाहिए। (भाषा)