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Last Modified: बुधवार, 1 फ़रवरी 2017 (15:43 IST)

बस्तर के ग्रामीण बने दशरथ मांझी, काटा पहाड़

बस्तर के ग्रामीण बने दशरथ मांझी, काटा पहाड़ - Chhattisgarh, Bastar,
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक सुदूर गांव में स्वयं को विकास की राह से जोड़ने के लिए एक गांव के सैकड़ों ग्रामीण खुद ही पहाड़ काटकर सड़क बनाने में जुट गए हैं।
जिले के तोकापाल के पहाड़ी गांव बारूपाटा गांव के लोगों को स्कूल, अस्पताल, बाजार जैसी सभी जरूरतों के लिए लोहांडीगुड़ा जाना पड़ता है। लोहांडीगुड़ा का सबसे पास पड़ने वाला गांव छिंदबाहर भी इस स्थान से 12 किलोमीटर दूर है। ग्रामीणों की मांग थी कि बारूपाटा की पहाड़ी पर अगर 3 किमी लंबी सड़क बन जाए तो छिंदबाहर सीधे जुड़ जाएगा यानी दोनों इलाकों के बीच 9 किमी की दूरी कम हो जाएगी। 
 
सूत्रों के मुताबिक गांव वालों ने इस बारे में प्रशासन को कई बार अर्जी दी, मगर सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही इसमें जुटने का फैसला किया। चित्रकोट विधायक दीपक बैज ने बताया कि पहाड़ तोड़कर सड़क बनाना आसान काम नहीं है, लेकिन जब प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीणों ने स्वयं जज्बा दिखाया।
 
पहाड़ी पर सड़क बनाने के लिए पहले दिन मंगलवार को सैकड़ों लोग जुटे। काम शुरू करने के पहले ग्रामीणों ने भूमिपूजन भी किया। पंचायत सदस्यों ने भी ग्रामीणों की मदद करने की ठानी। (वार्ता)
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