हरियाणवी कुंवारों की शादी अब हो सकेगी बिहार में
जींद। हरियाणा के कुंवारे लड़कों की शादी बिहार में करवाने की भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की बात पर रविवार को जींद आकर बिहार जाट सभा के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने भी अपनी सहमति की मोहर लगा दी।इसके अलावा हरियाणा जाट महासभा और कई खापों के नेताओं ने भी धनखड़ की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हरियाणा के कुंवारे लड़कों की शादी बिहार की लड़कियों से करवाने में कुछ भी गलत नहीं है और ओमप्रकाश धनखड़ को इस रास्ते पर आगे बढऩा चाहिए।केन्द्र सरकार के समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व चेयरमैन और जानी-मानी लेखिका मृदुला सिन्हा ने भी पूरे भारत को एक गांव बताते हुए कहा कि बिहार में अगर हरियाणा के कुंवारे लड़कों की विधिवत शादी होती है तो इसमें बुराई की बजाय अच्छाई है।जींद में सामाजिक जागरूकता मंच द्वारा आयोजित गंभीर सामाजिक चुनौतियों पर सेमिनार के दौरान वक्ताओं ने अपने उद्गार व्यक्त किए। इस सेमीनार में कुंआरों की बढती संख्या, बिगड़ते लिंगानुपात, भ्रूणहत्या, मानव तस्करी जैसी समस्याओं पर चर्चा की गई।सेमिनार में बिहार जाट सभा के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने कहा कि हरियाणा के कुंवारे लड़कों की शादी बिहार में करवाने की जो बात धनखड़ ने कही है, उस पर मोहर लगाने के लिए वह कई हजार किलोमीटर का सफर तय कर जींद पहुंचे हैं। वह धनखड़ की बात से सहमत हैं और बिहार की लड़कियों से हरियाणा के कुंवारे लड़कों की शादी विधिवत रूप से करवाने में धनखड़ की पूरी मदद करेंगे।शिव प्रताप सिंह ने कहा कि धनखड़ की बात को मीडिया के एक वर्ग ने गलत तरीके से पेश किया। मृदुला सिन्हा ने सैमीनार में कहा कि धनखड़ ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। अगर गाजे-बाजे और परिवार के लोगों की सहमति से बिहार की लड़कियां हरियाणा के लड़कों की दुल्हन बनती हैं तो इसमें बिहार के साथ रोटी और बेटी का हरियाणा का रिश्ता ही मजबूत होगा।हरियाणा जाट महासभा के अध्यक्ष ओमप्रकाश मान ने भी कहा कि बिहार की लड़कियों की शादी हरियाणा के कुंवारों से करवाने को लेकर वह धनखड़ के साथ खड़े हैं। धनखड़ की बात का गलत मतलब निकालकर बखेड़ा खड़ा किया गया। ऐसी शादियां लड़कियों की खरीद-फरोख्त को बंद करने में ही मददगार साबित होंगी।सेमिनार में मौजूद कंडेला खाप के प्रधान टेकराम कंडेला, खेड़ा खाप के प्रधान दलेर खटकड़, सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे स्वामी राघवानंद, कमल महेश्वरी, सुनिता दुग्गल, लेखिका राजबाला, डॉ. संतोष, आजाद पंवार ने भी अपनी सहमति की मोहर लगाई।धनखड़ ने सेमिनार में कहा कि हरियाणा में लिंगानुपात की स्थिति गंभीर है। इसके लिए बेटों के प्रति लगाव, तकनीक और सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं।उन्होंने कहा कि समाज को बेटा और बेटी के बीच का फर्क समाप्त करना होगा तथा सरकार को कन्या भ्रूणहत्या रोकने के लिए कड़े कदम उठाकर बेटियों को बचाने हेतु मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की तरह नीतियां बनानी होंगी। (भाषा)