शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. विधानसभा चुनाव 2018
  3. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018
  4. Rajasthan BJP
Written By
Last Modified: रविवार, 18 नवंबर 2018 (11:29 IST)

राजस्थान में भाजपा ने बनाया जीत के लिए नया प्लान, अब कार्यकर्ता करेंगे यह काम

राजस्थान में भाजपा ने बनाया जीत के लिए नया प्लान, अब कार्यकर्ता करेंगे यह काम - Rajasthan BJP
जयपुर। राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर के बीच अपना गढ़ बचाने की जद्दोजहद कर रही भाजपा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के घरों तक पैठ बनाने में जुटी है।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार पार्टी राज्य में सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए व्यापक रणनीति पर काम कर रही है। मजबूत जमीनी संगठन का फायदा उठाते हुए पार्टी ने राज्यभर में फैले कार्यकताओं को दिन-रात सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं।
 
पार्टी ने कार्यकर्ताओं से उनसे राज्य में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लगभग ढाई करोड़ लाभार्थियों और विशेष रूप से लगभग 50 से 60 लाख बीपीएल लाभार्थियों के घरों तक पैठ बनाने को कहा गया है।
 
पार्टी ने राज्य के सभी 51 हजार 844 बूथ के लिए पूरे 21 सदस्यों की बूथ अध्यक्ष और कार्यकारिणी बनाई थी। पार्टी की 48 हजार बूथ के लिये 21 सदस्यों की कार्यकारिणी है जबकि शेष बूथ कार्यकारिणी में 10 से 11 सदस्य हैं।
 
पार्टी ने हर कार्यकर्ता के एक -एक लाभार्थी के घर तक पैठ बनाने की रणनीति अपनाई है। पार्टी का अनुमान है कि इस तरह से वह कम से कम से कम डेढ़ करोड़ मतदाताओं तक गहरी पैठ बना सकती है। पार्टी आश्वस्त है कि यदि यह काम ठोस तरीके से हो जाता है, तो उसकी नैया पार लग सकती है।
 
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने काफी पहले मतदाता सूची के अनुसार पन्ना प्रमुख बनाए थे। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान में अपनी यात्राओं के दौरान सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से विशेष रूप से मिले हैं और इनके फायदों के बारे में उनसे विस्तार से बात की है।
 
पार्टी को उम्मीद है कि भामाशाह स्वास्थ्य योजना, जल स्वावलंबन और उज्ज्वला जैसी योजनाओ से उसे निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। लाभार्थियों तक सीधे जुड़ने के लिए भामाशाह एप बनाई गई है। इस एप पर सभी योजनाओं  की जानकारी और उनके लाभ बताए गए हैं। पार्टी सरकारी योजनाओं के लाभर्थियों तक पहुंचने की हर कड़ी को जोड़ने में लगी है क्योंकि उसे उम्मीद है कि इससे वह अपने किले को बचा सकती है। (वार्ता) 
 
ये भी पढ़ें
मजबूत गढ़ में भी मुश्किल में भाजपा, जानिए क्या है वजह...