प्रवासी कविता : मोदीजी की जीत
- हरिबाबू बिंदल
मोदीजी की जीत है, बी जे पी की जीतजनसंघ की जीत और, हिन्दुत्व की जीतहिन्दुत्व की जीत, देश के दिन सुधरेंगेशिन्दे, सिब्बल, शरद, न्यूज में नहीं दिखेंगे
नहीं दिखेंगे राहुल और राहुल की मम्मीमाया ममता जया, रहेंगी केवल डम्मी।मोदीजी की जीत पर, मेरे तीन सुझावकुर्ता दाढ़ी भाषण पर, फिर से करें हिसाबफिर से करें हिसाब, स्लीव आधी से पूरीशून्य होय दाढ़ी, रखें आधी न अधूरीछवि बढ़ जाए देश की, विदेशों में चौ गुनीकरनी होगी भाषण की, रफ्तार दो गुनी।आखिर को चुप हो गए, लालू जैसे गालनहीं हुए हो जाएंगे, पप्पू भी बेहालपप्पू भी बेहाल, जेल वापस जाएंगेबेल मिली पर बैल बने ना रह पाएंगेपॉलिटिक्स बदनाम, हुई है जिन चमचों सेदेश बचेगा वंशबाद के, इन सींखचों से।बड़ा नेक यह काम है, बुलवा लिए शरीफ सार्क देश से दोस्ती, है शान्ति की सीखहै शान्ति की सीख, दुशाले साड़ी जाएबंदूकों की जगह, फूल मालाएं आएथी भविष्य वाणी, है होगी वह साकारबीस वर्ष पूरे करे, मोदीजी की सरकार।