गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. एनआरआई
  3. खास खबर
  4. Norway, Baisakhi Day, Sikh community
Written By

नार्वे में बैसाखी और पग-दिवस की धूम

नार्वे में बैसाखी और पग-दिवस की धूम - Norway, Baisakhi Day, Sikh community
- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो से 
 
ओस्लो। अप्रैल को सिख समुदाय की तरफ से बैसाखी और पगड़ी दिवस बहुत धूमधाम से मनाया गया। पहली बार दस हजार लोगों ने बैसाखी और पग दिवस में भाग लिया और ढाई हजार लोगों ने निशुल्क पगड़ी बंधवाई।
इस अवसर पर नार्वे की रेलवे ने पगड़ी पहनकर एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों का किराया 16 अप्रैल को निशुल्क कर दिया था और इसकी घोषणा 15 अप्रैल को कर दी गई थी।  

इस बार पग बंधवाने के लिए लगभग डेढ़ सौ मीटर लम्बी कतार लगी थी, जो नेशनल थिएटर के सामने से शुरू हुई थी और वह नार्वे के पार्लियामेंट तक लगी हुई थी। यहां कोई वीआईपी कतार नहीं थी। ओस्लो के श्री गुरुनानक देव गुरुद्वारे से निशुल्क बस सेवा थी जो ओस्लो के सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक थी जहां से नगर कीर्तन शुरू हुआ। 
ओस्लो के सेंट्रल रेलवे स्टेशन से नगर कीर्तन में सबसे आगे नार्वेजीय पुलिस जोड़े पर सवार थी उसके बाद नार्वे की पुलिस के दो प्रतिनिधि पैदल थे उन्हीं के साथ दो नौजवान ढोल बजाते हुए चल रहे थे। पांच प्यारे अपने हाथ में कृपाण लिए हुए नारंगी रंग की पोषाख और पग पहने हुए थे। उनके पीछे महिलाएं नीली पोषाख, पग और हाथ में सिख-निशानी के नीले ध्वज लिए चल रही थीं। रंग-बिरंगी पोषाख में सारे लोग बहुत सुंदर लग रहे थे। जैसे उन्होंने पूरे वातारण को रंग-बिरंगा और बैसाखीमय कर दिया था।
 
बीच-बीच में बोले सो निहाल, सत श्री अकाल और राज करेगा खालसा, साकी रहे न कोय' के शब्द आसमान में गूंज रहे थे। उनके पीछे और पूरे नगर कीर्तन-मार्च में कार्यकर्ता चारों तरफ चलते हुए सुव्यवस्था बनाए हुए थे।
 
यूनिवर्सिटी आउला जो नेशनल थिएटर ओस्लो के दाहिनी और सड़क के उस पार था जहां सारे लोग एक सभा में बदल गए, जहां एक ऊंचा मंच था जहां पांच प्यारे और पांच प्यारी विराजमान हुईं और वहां से शुभकामनाएं और सूचनाएं दी गईं। 
 
पग दिवस पंडाल में बहुत भीड़ : नेशनल थिएटर के सामने बने अनेक पंडाल में पग बांधी जा रही थी और लंगर दिया जा रहा था, जहां हजारों लोग कतारों में लगे थे। कूड़ा फेंकने के लिए पर्यावरण केंद्र बनाया गया था।