शेयर बाजार में अतिरेक का बोलबाला
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कमल शर्मा शेयर बाजार में एक बार फिर अतिरेक का बोलबाला शुरू हो गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि अति वर्जस्य सर्वत्र...लेकिन जिस तरह सवा साल पहले दुनिया के बड़े सटोरिए, वित्तीय संस्थान, हैज फंड, घरेलू सटोरिए और फंड यह चिल्ला रहे थे कि सेंसेक्स को 21 हजार से 27 हजार, 30 हजार और 35 हजार जाने से कोई रोक नहीं सकता उसी तरह अब शेयर बाजार के पूरी तरह सत्यानाश होने की बातें कही जा रही हैं। सेंसेक्स तीन हजार हो जाएगा, निफ्टी तो लगभग हजार अंक....। लेकिन यह देखा गया है कि अतिरेक की स्थिति ही बाजार को पलटती है और अतिरेक के बल पर खड़ी की गई स्थिति से बाजार बाहर निकलकर अपने सामान्य एवं सही स्तर पर पहुँच जाता है। बाजार को शोर मचाकर अपनी इच्छानुसार मोड़ने की चाह रखने वालों के दो उदाहरण और देखें जिसके तहत जब हमारी मुद्रास्फीति 11 फीसदी से ऊपर चली गई थी, तब इन्ही तत्वों ने इसे 17 फीसदी से ऊपर पहुँचने की जोरदार भविष्यवाणी की थी। इसी तरह क्रूड के दाम 200 डॉलर को पार कर जाने की भविष्यवाणी भी उल्टी पड़ी। इन अतिरेक भरी भविष्यवाणियों को आम निवेशक समझ नहीं पाता और इस मायाजाल में फँसकर वह अपना पैसा गँवा बैठता है, जिसकी वजह से बाजार में या तो वह लौट नहीं पाता अथवा लौटता है तो काफी देर से तब जब फिर से अतिरेक का माहौल बाजार में होता है। इस समय चारों तरफ एक ही शोर है बाजार से दूर रहें..भारतीय बाजारों में पैसा न लगाएँ, डिफलेशन...डिफलेशन...। जबकि, मंदी की शुरुआत होने वाले देश अमेरिका में भी अब सिटी ग्रुप, जेपी मार्गन चेज, बार्कलेज, बैंक ऑफ अमेरिका ने चालू वर्ष के पहले दो महीनों में मुनाफा कमाकर स्थितियों के सकारात्मक रुख की ओर लौटने के संकेत दे दिए हैं। |
एस्कार्टस सिक्युरिटीज, नई दिल्ली के हैड अशोक अग्रवाल कहते हैं कि निवेशक जिस भी क्षेत्र यानी इक्विटी, डेब्ट, रियलिटी, सोना जहाँ भी पैसा लगाना चाहता है उसके बारे में उसे ही पढ़ना होगा, बातों को समझना होगा |
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अमेरिकी अर्थशास्त्री भी वर्ष 2009 की दूसरी छमाही से वहाँ सुधार शुरू होने की बात विश्वास के साथ कह रहे हैं। एस्कार्टस सिक्युरिटीज, नई दिल्ली के हैड अशोक अग्रवाल कहते हैं कि निवेशक जिस भी क्षेत्र यानी इक्विटी, डेब्ट, रियलिटी, सोना जहाँ भी पैसा लगाना चाहता है उसके बारे में उसे ही पढ़ना होगा, बातों को समझना होगा। दूसरों के भरोसे से ज्यादा अच्छा है कि खुद पढ़ाई करें। निवेशक खुद समझें कि क्या विदेशी निवेशक यह हल्ला मचाकर भारत में निवेश शुरू करते हैं कि हम बेहतर फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर खरीद रहे हैं। क्या हमारे देश के बड़े-बड़े ब्रोकर जब बेहतर कंपनियों के शेयर बेहद निचले स्तर पर खरीदते हैं, तब वे इसका ढिंढोरा पीटते हैं, कदापि नहीं। महारथी जब खुद ओवर फ्लो हो जाते हैं तब वे बाजार में अपनी यह सलाह जारी करते हैं कि फलाँ कंपनी के शेयर खरीदो क्योंकि उसका कामकाज बेहतर है और यह शेयर आने वाले दिनों में अमुक स्तर पर पहुँच जाएगा। |
बाजार ने हमेशा धैर्यवान और साहसी निवेशकों का साथ दिया है अत: इस अतिरेक के मायाजाल में फँसने से बचें कि सब जीरो होने वाला है, सब कुछ खत्म हो जाएगा, भागो यहाँ से
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आम निवेशक जो इस मायाजाल को समझ नहीं पाता वह पहले इसी जाल के चक्कर में अपने बेच चुके उम्दा शेयरों को फिर से खरीदने के लिए दौड़ पड़ता है और अंत में ठगा हुआ महसूस करता है। बाजार ने हमेशा धैर्यवान और साहसी निवेशकों का साथ दिया है। अत: इस अतिरेक के मायाजाल में फँसने से बचें कि सब जीरो होने वाला है, सब कुछ खत्म हो जाएगा, भागो यहाँ से।आज 23 मार्च से शुरू हो रहे नए सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 8777 से 9277 के बीच घूमता रहेगा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 2722 से 2855 के बीच कारोबार करेगा। मार्च का अंत नजदीक है जिसकी वजह से अनेक कंपनियों के शेयरों में ब्लॉक डील और ब्लक डील देखने को मिले तो अचरज न करें। इन सौदों की वजह से कई चुनिंदा शेयरों में असाधारण गर्मी देखने को मिल सकती है। |
मंदी के कारोबार में 8978 का स्टॉप लॉस रखें। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 9075 के ऊपर 9339 से 9412 या इससे आगे बढ़ने पर 9662 अंक तक जा सकता है, लेकिन यहाँ 9251 के आसपास आंशिक करेक्शन की संभावना है |
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सूरत कमर्शियल कॉरपोरेशन के इक्विटी विश्लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि आज 23 मार्च से शुरू हो रहे सप्ताह में शेयर बाजार का प्राथमिक रुख तेजी का है। 9078 और 8817 महत्वपूर्ण ट्रेड रेंज में हैं जिसके तहत बाजार और गिरने की संभावना है। 9075 के ऊपर बंद होने पर बाजार 9339 से 9412 तक पहुँच सकता है...लेकिन तेजी के इस कारोबार में 8978 का स्टॉप लॉस रखें। 8817 पर सपोर्ट है और इसके नीचे आने वाला ब्रेकआउट तेज गिरावट में 8395 से 8233 का अंक दिखा सकता है। मंदी के कारोबार में 8978 का स्टॉप लॉस रखें। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 9075 के ऊपर 9339 से 9412 या इससे आगे बढ़ने पर 9662 अंक तक जा सकता है, लेकिन यहाँ 9251 के आसपास आंशिक करेक्शन की संभावना है। 8817 के नीचे मंदी की संभावना है एवं सेंसेक्स 8300 अंक तक जा सकता है लेकिन 8605 और 8443 पर जोरदार सपोर्ट के आसार हैं। कुल मिलाकर तेजी का कारोबार 8817 के स्टॉप लॉस के साथ करें।तकनीकी विश्लेषक विकास अग्रवाल की राय में इस सप्ताह निफ्टी और सेंसेक्स क्रमश: 2768 और 8909 अंक के नीचे कारोबार करते हैं तो ये क्रमश: 2619 और 8436 अंक को छूने का प्रयास करेंगे लेकिन निफ्टी और सेंसेक्स क्रमश: 2769 और 8909 से ऊपर टिके रहते है तो ये क्रमश: 2919 और 9382 अंक पर पहुँचने की कोशिश करेंगे।इस सप्ताह निवेशक मैक्नली भारत इंजीनियरिंग, एवरेस्ट कान्टो सिलेंडर, एनएमडीसी, एचडीएफसी बैंक, स्वराज इंजन, गुजरात गैस, जियोडेसिक, एल एंड टी, डीएलएफ, टेल्को, टिस्को, अबन ऑफशोर, शांति गियर्स, अजंता फार्मा, सेसा गोवा और इन्फोसिस पर ध्यान दे सकते हैं। *यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।