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Written By वार्ता
Last Modified: भोपाल (वार्ता) , बुधवार, 20 जून 2007 (23:35 IST)

सेक्स टॉय बिक्री पर मंत्री की आपत्ति

कैलाश विजयवर्गीय ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

सेक्स टॉय बिक्री पर मंत्री की आपत्ति -
मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने देश में सेक्स टॉय के आयात और प्रतिबंध के बावजूद इसकी बिक्री पर सख्त आपत्ति जताते हुए इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।

विजयवर्गीय ने बुधवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस बड़ी समस्या से बेहतर ढंग से निपटने में मदद मिल सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री से समाज हित में सेक्स टॉय की बिक्री और आयात पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया है।

उन्होंने भारतीय संस्कृति का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह सेक्स टॉय के खुलेआम बिकने के समाज में गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। जिस तरह मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र की यौन शिक्षा के बजाय योग शिक्षा पर जोर दिया है, उसे देखते हुए इस राज्य में सेक्स टॉय को लेकर समाज सेवकों के बीच तीखी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। इस मामले में पार्टी के दायरों से ऊपर उठकर देखने और समझने की आवश्यकता है।

विजयवर्गीय ने इस बात पर पीड़ा व्यक्त की है कि केंद्र सरकार इन दिनों सेक्स टॉय का आयात करने के साथ इसे बेच रही है। वाइब्रेटिंग रिंग के नाम से सेक्स टॉय को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड ने हाल में बाजार में पेश किया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सभी विभाग इसकी बिक्री रोकने में असफल साबित हुए हैं, इसलिए इस मामले में आपके प्रधानमंत्री हस्तक्षेप की आवश्यकता महसूस की गई है। वाइब्रेटिंग रिंग चीन से आयात किए जा रहे हैं, इसलिए कस्टम विभाग की भूमिका पर सवाल उठ रहा है। कस्टम विभाग प्रति वर्ष करोड़ों रुपए के विदेश से आने वाले सेक्स टॉय जब्त करता है।

विजयवर्गीय ने कहा कि सेक्स टॉय को कंडोम के रूप में प्रचारित किया गया है, जबकि कंडोम और वाइब्रेटिंग रिंग को अलग-अलग नाम के ब्रांड से बेचा जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि उपयोग पुस्तिका में पुरुषों को सेक्स टॉय को कंडोम के बगैर ही इस्तेमाल की सलाह दी गई है। ये समझ से परे है कि सरकार को यह बेचने की क्या जरूरत पड़ गई।

विजयवर्गीय ने उपलब्ध आकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में सेक्स टॉय का लगभग 40 हजार करोड़ रुपए का बाजार है। चीन दुनिया में सबसे अधिक 70 प्रतिशत सेक्स टॉय के निर्माण के साथ सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है। उभरते हुए भारतीय बाजार पर जाहिर है कि सेक्स टॉय निर्माताओं और सप्लायर्स की नजरें गड़ी हुई हैं, लेकिन यह खेद का विषय है कि इसका सबसे पहला शिकार केंद्र सरकार की एक कंपनी बनी।