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Written By भाषा

'मधुशाला' में डूबीं लता मंगेशकर

''मधुशाला'' में डूबीं लता मंगेशकर -
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अपनी सुमधुर आवाज से करोड़ों लोगों को दीवाना बनाने वाली स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर प्रसिद्ध लेखक हरिवंश राय बच्चन की चर्चित रचना ‘मधुशाला’ पढ़कर अत्यंत भाव विभोर हो गईं।

लता ने माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बताया कि हरिवंश राय बच्चन की 101 वीं वर्षगांठ पर उनके बेटे और अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मधुशाला किताब प्रकाशित की है। अमिताभ ने यह किताब स्वर कोकिला को पढ़ने के लिए उपहार में दी थी।

मधुशाला को पढ़कर लता अत्यंत भावविभोर हो गई और उन्होंने अमिताभ को ट्विट किया कि नमस्कार अमितजी, आपने जो किताब भेजी है उसके लिए मैं आपकी ऋणी रहूँगी। पूरी किताब हर तरह से बहुत ही सुंदर है।

उन्होंने लिखा कि मुझे याद है कि साठ के दशक में मेरे भाई हृदयनाथ ने मधुशाला पढ़ी और आपके बाबूजी को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने लिखा था कि मधुशाला की आप की पसंद की रूबाई आप मुझे लिखकर भेजिए। इसके उत्तर में आप के बाबूजी ने हृदय को अपनी तस्वीर पर मनपसंद रूबाईयाँ लिखकर भेजी थी।

लता ने कहा कि मैं और हृदयनाथ बहुत भाग्यवान है कि आप के पूज्य बाबूजी से हमें आशीर्वाद मिले हैं। आपको, जयाजी, अभिषेक और ऐश्वर्या को बहुत बहुत प्यार तथा आभार।

स्वर कोकिला के इस ट्विट पर अमिताभ ने भी उन्हें धन्यवाद कहा। अमिताभ ने लिखा कि आपके स्नेह भरे शब्दों से हम सब अत्यंत आभारी हैं। आपको पुस्तक पसंद आई यह जानकर खुशी हुई।

बिग बी ने कहा कि हृदयनाथजी और बाबूजी के संपर्क के बारे में पता ही नहीं था। मेरा विश्वास है कि इस तार को एक दिन जुड़ना ही था। बाबूजी की आत्मा कहीं न कहीं आज बहुत संतुष्ट होगी। (भाषा)