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Written By भाषा

जिरह पूरी, कसाब का बयान 18 दिसंबर को

Mumbai terror attack | जिरह पूरी, कसाब का बयान 18 दिसंबर को
मुंबई पर आतंकवादी हमले की सुनवाई के सात माह में अभियोजन पक्ष ने विशेष अदालत में बुधवार को अपनी गवाहियाँ और जिरह पूरी कर ली, जबकि अदालत ने हमले में एकमात्र जीवित गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी हमलावर अजमल कसाब का बयान दर्ज करने के लिए 18 दिसंबर की तारीख तय की।

अभियोजन पक्ष ने कसाब और उसके दो भारतीय सह-अभियुक्त फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद के खिलाफ सबूतों और कुल 610 गवाहों के परीक्षण का काम पूरा कर लिया।

अदालत अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों और गवाहों पर 18 दिसंबर को भादसं की धारा 313 के तहत कसाब का बयान दर्ज करेगी। बहरहाल, कसाब के वकील केपी पवार ने दलील दी कि सुनवाई आगे तभी बढ़नी चाहिए, जब कसाब चिकित्सीय रूप से फिट हो।

विशेष न्यायाधीश एमएल ताहिलियानी ने इस पर कसाब से पूछा कि क्या वह बीमार है, इस पर पाकिस्तानी हमलावर ने नहीं में जवाब दिया और कहा कि वह अपना बयान देने के लिए फिट है।

विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि सुनवाई आठ मई को शुरू हुई और करीब सात माह में अभियोजन पक्ष ने बुधवार को गवाहियाँ और जिरह मुकम्मल कर दी। निकम ने कहा कि अभियोजन पक्ष का उद्देश्य केवल कसाब के खिलाफ मामला सिद्ध करना नहीं है, बल्कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख षड्‍यंत्रकर्ताओं का पर्दाफाश भी करना है।

उन्होंने कहा कि कसाब आतंकवादी संगठन का एक उपकरण है। वह और मारे गए नौ अन्य आतंकवादी लश्करके एक छोटे हिस्से थे, जो भारत की वाणिज्यिक राजधानी पर हमला कर भारत को गंभीर क्षति पहुँचाना चाहता था। निकम ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं के बीच टेलीफोन वार्ता के मजमून के रूप में हमले से पाकिस्तान के रिश्तों का ठोस सबूत पेश किया है।

उल्लेखनीय है कि मुंबई हमलों की सुनवाई करने के लिए गठित विशेष अदालत ने सुनवाई की शुरुआत में फरार 25 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद और आतंकवादी संगठन का संचालन प्रमुख जकी उर रहमान लखवी भी शामिल हैं।

वारंट को तामील के लिए इंटरपोल को भी भेजा गया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियोजन पक्ष के सबूतों में मजिस्ट्रेट के सामने कसाब का बयान भी शामिल है। इस बयान में उसने रहस्योद्घाटन किया था कि उसे और मुंबई हमले में उसके साथ रहे अन्य हमलावरों को पाकिस्तान में लश्कर शिविर में प्रशिक्षण दिया गया था।

अभियोजन पक्ष ने 610 गवाहों में से 267 की गवाहियों का परीक्षण व्यक्तिगत स्तर पर किया। इनमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, अपराध, विज्ञान विशेषज्ञ, चश्मदीद गवाह और एफबीआई अधिकारी शामिल हैं। बाकी औपचारिक गवाहों की गवाहियाँ हलफनामों के रूप में अदालत के समक्ष पेश की गईं।

इन गवाहों की गवाहियों का परीक्षण व्यक्तिगत स्तर पर नहीं किया गया क्योंकि ये औपचारिक प्रकृति की हैं और इनमें वे शामिल हैं, जो आतंकवादियों के हाथों मारे गए लोगों के शव अस्पताल ले गए। इनमें मृतकों के रिश्तेदार शामिल हैं जिन्होंने शव का दावा किया। इनमें हमले में संपत्ति की क्षति का शिकार होने वाले लोग और घायलों का इलाज करने वाले डॉक्टर शामिल हैं। (भाषा)