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Written By वार्ता

मप्र विधानसभा में घाटे का बजट पेश

102.96 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया

मप्र विधानसभा में घाटे का बजट पेश -
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज वित्तमंत्री राघवजी ने वित्त वर्ष 2009-10 के लिए 46580.48 करोड़ रुपए का बजट पेश किया जिसमें 102.96 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया गया है।

लगातार छठी बार सदन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के लिए बजट पेश करने वाले वित्तमंत्री ने कहा कि बजट में कुल प्राप्तियाँ 46580.48 करोड रुपए तथा कुल व्यय 46444.80 करोड़ रुपए अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन देन 135.68 करोड़ तथा अंतिम शेष (ऋणात्मक) 102.96. करोड़ रुपए होगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2009.10 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 6436.41 करोड़ है। केंद्र सरकार के बजट भाषण के अनुरूप वर्ष 2009-10 में राजकोषीय घाटे का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद से अधिकतम प्रतिशत चार होना चाहिए। राजकोषीय घाटा इस अपेक्षा के अनुसार निर्धारित सीमा के भीतर 3.73 प्रतिशत रहेगा।

बजट में राजस्व प्राप्तियों का जिक्र करते हुए राघवजी ने कहा कि वर्ष 2009-10 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान 39961.03 करोड़ रुपए है। राजस्व प्राप्तियों में राज्य करों से प्राप्तियाँ 16075.45 करोड़ कर के अतिरिक्त राजस्व प्राप्तियाँ 3936 करोड़ केंद्रीय करों में प्रदेश के हिस्से के अंतर्गत प्राप्तियाँ 11047.41 करोड़ तथा केंद्र सरकार से सहायक अनुदान अंतर्गत प्राप्तियाँ 8901.63 करोड़ अनुमानित है।

बिजली संकट से निपटने के उपाय के रूप में बजट में विद्युत ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक गैस पर वेट 12.5 प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे सरकार को पाँच करोड़ की राजस्व हानि अनुमानित है। राज्य में अब बीड़ी, टेलीफोन उपकरण, सेल्यूलर फोन महँगे तथा पुरानी कार और वाहनों के विक्रय पर भी कर की दर 1.5 प्रतिशत की गई है।

राघवजी ने कहा कि बजट में कुल राजस्व व्यय 38262.12 करोड़ और कुल प्राप्तियाँ 34961.03 करोड रुपए होने से राजस्व आधिक्य 1698.91 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसे देखते हुए आगामी वर्ष में राजस्व आधिक्य की स्थिति निरंतर रहने का अनुमान है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के शहरों को प्रदूषण मुक्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाहनों में उपयोग में आने वाली सीएनजी को जो वेट चुका कर क्रय की गई नेचुरल गैस से बनाई गई हो, वेट कर से मुक्त किया जाना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में सरकार को एक करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

नारियल और साबूदाने को वेट कर से मुक्त किया गया है। इस कारण भी एक करोड़ रुपए की राजस्व हानि होगी। कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित कच्चे आलू चिप्स, सेंवई और फिंगर चिप्स तथा आटा चक्की को कर मुक्त किया जाना प्रस्तावित है। इससे सरकार को पचास लाख रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

केरोसिन बत्ती, प्रेशर स्टोव्ह तथा टाटपट्टी को कर मुक्त किया जाना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में 50 लाख रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है। टेंट हाउस व्यवसाय के लिए वेट अंतर्गत कंपोजिशन की स्कीम लागू करना भी प्रस्तावित है।

कपास उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए निर्णय लिया गया है कि कपास की बिक्री एक पंजीकृत व्यवसायी द्वारा दूसरे पंजीकृत व्यवसायी को करने पर वेट की राशि की स्त्रोत पर कटौती करने का अधिकार क्रेता पंजीकृत व्यवसायी को दिया जाना प्रस्तावित है। इससे निर्माण सहित बीज के सभी पंजीकृत व्यवसायियों को बिना कर चुकाए कपास की खरीदी की सुविधा रहेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि विकास कार्यो के लिए धनराशि जुटाने की दृष्टि से कुछ वस्तुओं पर वेट की दरों में वृद्धि करना प्रस्तावित किया गया है। राज्य में अनुसूची दो में शामिल वस्तुओं पर वेट की दर चार प्रतिशत है। इसे बढ़ा कर पाँच प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में 250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

राघवजी ने कहा कि वर्तमान में बीड़ी वेट कर से मुक्त है। बीडी पर पाँच प्रतिशत की दर से वेट लागू करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में 18 करोड़ रुपए का राजस्व अनुमानित है।

सभी प्रकार के टेलीफोन उपकरण जिनमें सेल्यूलर फोन भी शामिल हैं, वेट की दर चार प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। पुरानी कारों के साथ अन्य पुराने वाहनों के पुनः विक्रय पर कर की दर 1.5 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है।

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भी कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। विश्व व्यापार में मंदी का प्रभाव प्रदेश के रोजगारोन्मुखी उद्योग चमड़े के वस्त्र और खिलौना निर्माण पर पड़ा है। इन उद्योगों को राहत देने के लिए चमड़े पर देय प्रवेश कर समाप्त करना प्रस्तावित है।

चमड़े पर देय प्रवेश कर समाप्त करने से चालू वित्तीय वर्ष में तीन करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है। कपास बीज को भी प्रवेश कर से मुक्त करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में तीन करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

वित्त मंत्री ने कहा कि गौशालाओं में दान में दी जाने वाली कृषि भूमि पर स्टांप शुल्क माफ करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों पर देय मनोरंजन शुल्क की दर मनोरंजन के अन्य साधनों पर देय मनोरंजन शुल्क की तुलना में अधिक है। इस व्यवसाय को राहत देने के लिए सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों के लिए देय मनोरंजन शुल्क की दर घटा कर 20 प्रतिशत करना प्रस्तावित है। इससे चालू वित्त वर्ष में तीन करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है।

वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक मंदी को देखते हुए विकास की गति बनाए रखने के लिए आवश्यक राजस्व संग्रहण में अन्य वर्गों के साथ-साथ वाहन मालिकों का योगदान भी अपेक्षित है। मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम में निजी उपयोग में आने वाली मोटर साइकिल, मोटरकारों में लागू होने वाले जीवनकाल कर की दर में दो प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। राज्य में इन वाहनों पर जीवनकाल कर की वर्तमान दर पाँच प्रतिशत के स्थान पर सात प्रतिशत रखा जाना प्रस्तावित है।

गौरतलब है कि राज्य में मोटर साइकिलों की यह दर वर्ष 1997 से अपरिवर्तित है तथा मोटरकारों की यह दर भी वर्ष 2001 से अपरिवर्तित है। पुनरीक्षित दरों से वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त 55 करोड़ रुपए का राजस्व वृद्धि संभावित है।