गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. प्रादेशिक
Written By भाषा
Last Modified: पणजी , बुधवार, 16 अप्रैल 2014 (18:47 IST)

शंबुक घोंघे को मिलेगा नया जीवन

शंबुक घोंघे को मिलेगा नया जीवन -
FILE
पणजी। गोवा की विशिष्ट व्यंजन सूची का अनिवार्य अंग रहे और अब विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके ‘शंबुक घोंघे’ को नया जीवन देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने एक नई योजना शुरू की है। ‘शंबुक’ वह नाम है जिसे खारे पानी और मीठे पानी के जीवों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

पिछले वर्ष ‘शंबुक घोंघे’ की खराब उपलब्धता को देखते हुए आईसीएआर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने शंबुक और दो अन्य स्वदेशी मछलियों की प्रजातियों को बचाने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य शुरू कर दिया है।

आईसीएआर के ‘मत्स्य पालन संसाधन प्रबंधन विभाग’ के एक वैज्ञानिक मंजू लक्ष्मी एन ने कहा कि पिछले वर्ष ‘शंबुक घोंघे’ की प्रजाति उपलब्ध नही हो पाई थी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और रेत खनन के कारण ‘शंबुक घोंघे’ की संख्या घट रही है।

पिछले साल अगस्त में शुरू हुए ‘सागरीय कृषि परियोजना’ के अंतर्गत आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने सबसे पहले केरल से मछली के अंडों को एकत्र किया। यह परियोजना बेटिम और गोवा-वेल्हा में चल रही है, जो कि पणजी में मांडोवी नदी के नजदीक है। (भाषा)