बुधवार, 17 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
Written By WD
Last Modified: इंफाल , सोमवार, 25 अगस्त 2014 (20:29 IST)

इरोम चानू शर्मिला अस्पताल में भर्ती

इरोम चानू शर्मिला अस्पताल में भर्ती -
FILE
इंफाल। सामाजिक कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला को शुक्रवार को पुलिस एक सरकारी अस्पताल के बाहर बनाए गए छोटे अस्थाई आश्रय स्थल से जबरन ले गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया। बुधवार को जेल से छूटने के बाद शर्मिला यहां अपना अनशन जारी कर रही थीं।

सूत्रों ने कहा कि 42 वर्षीय शर्मिला द्वारा कुछ खाने या पीने से इंकार किए जाने के बाद उन्हें चिकित्सीय जांच के लिए ले जाया जा रहा था। बाद में उन्हें अस्पतालमें भर्ती करा दिया गया

एक अस्थाई कारागार से छूटने के बाद सैकड़ों महिलाओं और सामाजिक संगठनों का समर्थन रखने वाली शर्मिला जेएन सरकारी अस्पताल के अस्थाई कारागार से मुक्त होकर निकली थीं। वहां एक कमरे को उनके लिए जेल के रूप में तैयार किया गया था। इसके कुछ ही समय बाद उन्होंने अस्पताल के निकट एक स्थान पर अपना अनशन शुरू कर दिया।

शर्मिला ने कहा कि मैं अपनी (आफस्पा हटाने की) मांग पूरी हो जाने तक अनशन जारी रखूंगी। सत्र अदालत का यह आदेश स्वागतयोग्य है कि (एक विवादास्पद कानून को हटाने के लिए अनशन शुरू करके) मैं आत्महत्या का प्रयास नहीं कर रही।

शर्मिला इस कानून को हटाने की मांग के साथ पिछले 14 साल से अनशन कर रही हैं। हाल ही में उन्हें आत्महत्या के प्रयास के आरोप से मुक्त किया गया है।

पूर्व पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता शर्मिला ने अपना आमरण अनशन नवंबर 2000 में उस समय शुरू किया, जब असम राइफल्स ने यहां मलोम इलाके में उग्रवादियों के साथ कथित मुठभेड़ में 10 लोगों को मार दिया था।

वे पिछले कई सालों से जेल में हैं और उन्हें समय-समय पर रिहा किया गया और फिर भारतीय दंड संहिता में आत्महत्या के प्रयास के प्रावधानों के तहत बार-बार गिरफ्तार किया जाता रहा।

मणिपुर के गृहमंत्री गईखंगम ने कहा कि सरकार सामाजिक कार्यकर्ता के स्वास्थ्य की सुरक्षा और देखभाल के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कैद से रिहाई के बाद भी शर्मिला ने अपना वह संकल्प बरकरार रखने का फैसला किया जिसमें उन्होंने तब तक अपने घर में न घुसने या अपनी मां से मुलाकात न करने का संकल्प लिया था, जब तक कि सरकार आफस्पा हटा नहीं देती। (एजेंसियां)