शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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Written By WD

भाषाएं सीखने के लिए गोली खाएं...

भाषाएं सीखने के लिए गोली खाएं... -
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वैज्ञानिकों का कहना है कि अब से तीस वर्ष के भीतर भाषाएं सीखने के लिए हमें भारी भरक‍म किताबों नहीं पढ़नी होंगी वरन एक छोटी सी गोली खाने की जरूरत पड़ेगी। ठीक वैसे ही जैसे कि सिरदर्द होने पर हम एक गोली खा लेते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि आगामी कुछेक दशकों में लोगों को सूचनाएं खिलाई जा सकेंगी। एक वैज्ञानिक निकोलस नीग्रोपोंटे का कहना है कि भविष्य में कम्प्यूटर माउस खत्म हो जाएंगे। माउस का स्थान एक छोटा सा अंगुस्ताना (थिंबल) ले लेगा।

वैज्ञानिक नीग्रोपोंटे का कहना है कि हमें जानकारी या ज्ञान लेने के लिए गोलियों की जरूरत होगी और इन गोलियों से हम ज्ञान हजम कर लेंगे। यह ज्ञान या जानकारी रक्तप्रवाह के जरिए सीधे हमारे मस्तिष्क में पहुंच जाएगी। भाषाओं से लेकर साहित्य तक की गोलियां होंगी और अगर आपको शेक्सपीयर पढ़ना है तो मात्र एक गोली से ही काम चल जाएगा। विभिन्न तरह की जानकारी के लिए अलग अलग तरह की गोलियां होंगी। उल्लेखनीय बात यह है कि नीग्रोपोंटे अकेले ऐसे वैज्ञानिक नहीं हैं जोकि सोचते हैं कि मात्र तीस वर्षों में यह परिवर्तन संभव हो सकेगा।

मैसाचुएटस इंस्टीट्‍यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिक निकोलस नीग्रोपोंटे ने अस्सी के दशक में भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में कम्प्यूटर का माउस समाप्त हो जाएगा और अब उनका सोचना है कि हम भविष्य में सूचनाओं, जानकारियों को आसानी से खाकर पचा सकेंगे। एमआईटी की मीडिया लैब के संस्थापक और वन लैपटॉप पर चाइल्ड एसोसिएशन के प्रमुख का कहना है कि भविष्य में भाषाएं सीखने और साहित्य पढ़ने के लिए हमें केवल गोलियां खानी होंगी। वे कहते हैं कि अभी तक मनुष्य अपनी आंखों से सूचना को हजम करने का आदी है, लेकिन अगर हम अन्य विकल्पों पर गौर करें तो यह बहुत ही अक्षम तरीका सिद्ध हो सकता है।

वे वेंकुवर कनाडा में टेड टॉक के अंतर्गत लोगों को संबोधित कर रहे थे। उनका कहना था कि आपको एक गोली खानी होगी और आपको अंग्रेजी आ जाएगी और इसी तरह शेक्सपीयर का साहित्य जानने के लिए एक गोली ही सक्षम होगी। और ऐसा करने का तरीका रक्तप्रवाह होगा। यह मुख्‍य रूप से बहता रहता है और मस्तिष्क में जाता है और यहां विभिन्न जानकारियां सही स्थानों में जाकर जमा हो जाएंगी। उनका कहना था कि वे अकेले ऐसे वैज्ञानिक नहीं हैं जो कि इस तरह से सीखने की बात करते हैं। उनका यह भी कहना है कि कम्प्यूटर माउस का स्थान एक स्मार्ट थिंबल ले सकता है। वे कहते हैं कि यह एक पहने जाने योग्य थ्री डी टच डिवाइस (उपकरण) होगी और इस थिंबल में एक एक्सलरोमीटर और एक जाइरोस्कोप फिट होगा और तब लोग मात्र अपनी एक अंगुली को ही दिखाकर ऑनस्क्रीन माउस को कंट्रोल कर सकेंगे।

डेली मेल ऑनलाइन में सारा ग्रिफिथ्‍स लिखती हैं कि इस तरह का उपकरण या डिवाइस, व्योमिंग यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने बना ली है। इस डिवाइस में एक थ्री डी एक्सलरोमीटर, मैग्नैटोमीटर और जाइरोस्कोप होता है। इसकी मदद से लोग यह तय कर सकेंगे कि पाइंटर कहां होना चाहिए। इस थिंबल में ऑप्टिकल फ्लो सेंसर्स भी लगे होंगे जोकि एक टू डी धरातल पर गति‍विधि का पता लगा सकेंगे। एक मानक माउस में जहां लेफ्ट क्लिक बटन का स्थान होता है वहीं इसमें तर्जनी और अंगूठे के बीच में बटन का प्रयोग होता है। एक लैपटॉप में सभी लोकेशन डाटा एक धारा रूप में प्रवाहित होगा और इसका उपयोग कर्सर को गतिशील बनाने में किसी जा सकता है। इसका प्रयोग टचस्क्रीन शैली के हाव भाव जैसे डबल टैप और लॉंग प्रेस के रूप में किया जा सकेगा।

सभी सेंसर्स से मिलने वाले डाटा को एकत्र करके थ्री डी टच स्क्रीन पर अधिक सही-सही तरीके से लोकेशन तय की जा सकती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि मात्र 1 मिमी की पोजीशनिंग गलती के साथ इसे एक थ्री डी वस्तु को भूव किया जा सकता है। विदित हो कि 1984 की पहली टेड टॉक के दौरान नोग्रीपोंटे ने भविष्यवाणी की थी कि कम्प्यूटरों को चलाने के लिए हम माउस का उपयोग करना बंद कर देंगे और इसके स्थान पर अंगुलियों का इस्तेमाल करेंगे। और आजकल के टचस्क्रीन्स स्मार्टफोन्स व टेबलेट्स ऐसे ही चलते हैं।