गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. खोज-खबर
  4. »
  5. रोचक-रोमांचक
Written By भाषा
Last Modified: सोमवार, 31 मार्च 2014 (15:54 IST)

जानें, प्राचीन ममियों के अनजाने रहस्य

जानें, प्राचीन ममियों के अनजाने रहस्य -
FILE
ब्रिटिश म्यूजियम की आठ ममीज का लंदन के अस्पतालों में सीटी स्कैन किया गया। इन स्कैनिंग की मदद से इतिहासकारों ने इन लोगों के बारे में कुछ रोचक जानकारियां दीं। इतिहासकारों का कहना है कि प्राचीन मरीज हाई कोलेस्ट्रोल और दांतों से संबंधित समस्याओं का सामना करते थे। इनमें से एक महिला की ऊपरी जांघ पर आर्चएंजेल का एक टैटू भी मिला है। मई में सार्वजनिक होने वाली एक नई प्रदर्शनी के दौरान उद्‍घाटित की जाने वाली विचित्र जानकारियां कुछ इस प्रकार हैं।

डेली मिलर में प्रकाशित एक लेख के अनुसार मिस्र की हजारों वर्षों से सुरक्षित रखी गई ममियों के सभी महत्वपूर्ण रहस्य अब तक रहस्यमय ही बने रहे हैं, लेकिन ब्रिटिश म्यूजियम में एक नई प्रदर्शनी आयोजित की जानी है, जिसके दौरान लोगों को ममीज के गोपनीय रहस्यों की भी जानकारी मिल सकेगी। इन जानकारियों को एकत्र करने के लिए इन ममियों का सीटी स्कैन कराया गया और इनके आधार पर यह जानकारी मिली है कि मिस्र के हमारे पूर्वज कैसे थे?

बाइस मई से ब्रिटेन में एक प्रदर्शनी 'एंशिएंट लाइव्स : न्यू डिस्कवरीज' शुरू होगी जिससे इस तथ्य का खुलासा होगा कि सदियों के अंतर के बावजूद मिस्र के लोग आज भी उन्हीं बीमारियों से जूझ रहे हैं जिससे वे सैकड़ों वर्षों तक जूझ चुके हैं। ब्रिटिश म्यूजियम के प्राचीन मिस्र और सूडान विभाग के प्रमुख क्यूरेटर जॉन टेलर का कहना है कि हम इस विचार को प्रोन्नत करना चाहते हैं और इन्हें वस्तुओं की तरह प्रदर्शित नहीं करना चाहते हैं। हम इन्हें वास्तविक जीवित लोगों की तरह प्रदर्शित करना चाहते हैं।

यह ममीज समाज के सभी वर्गों से हैं जिनमें राजवंश के लोगों से लेकर आम नागरिक शामिल हैं और ये लोग नील नदी के किनारे पर रहते थे। इनका समय भी अलग-अलग है। इनमें से सबसे पुरानी ममी परीक्षित किए जाने पर 5500 वर्ष से अधिक पुरानी निकली और यह ईसा पूर्व 3500 की है। जो सबसे नई ममी है वह भी करीब 1300 वर्ष पुरानी है। इनमें से कुछ ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु के समय उम्र केवल दो वर्ष थी और कुछ ऐसे भी हैं जो कि पचास वर्ष की आयु तक जीवित रहे।

कम्प्यूटर टोमोग्राफी (सीएटी स्कैन्स) की मदद से वैज्ञानिकों ने इन प्राचीन अवशेषों के त्रिविमीय तस्वीरें लीं। इनमें से कुछ शव इतने अच्छी तरह से सुरक्षित थे कि स्कैन में हड्‍डियां, ऊतक और महत्वपूर्ण अंग साफ दिखाई दिए। वैज्ञानिकों ने कैट स्कैन्स तस्वीरों को कार्बन डेटिंग के साथ मिलाया और सारी जानकारी पाने के लिए इन्फ्रा-रेड रिफ्लेक्टोग्राफी की मदद से विस्तृत तस्वीरें बनाईं। ये तस्वीरें इनके जीवन की जानकारी देने वाली महत्वपूर्ण तस्वीरें थीं।

पेल्विक एरियाज (पेड़ू) के क्षेत्र में हड्‍डियों में होने वाली टूट-फूट से उनकी आयु का निर्धारण किया गया। आठ में से दो ममीज की टांगों में मैल के आकार बन गए थे। ये मूल रूप से कोलेस्ट्राल, कै‍लशियम और टिशूज (उत्तक) का मेल थे। यह इस बात का संकेत था कि ये लोग दिल की बीमारियों से ग्रसित थे। इसका यह कारण भी हो सकता है कि इनके खाने में वसा बहुत अधिक रहती होगी या फिर यह जाति, प्रजातिगत हो सकता है। इनमें से बहुतों की दांतों की हालत ठीक नहीं थी और बहुत से दांतों में पस पड़ गया था या उनमें फोड़े हो गए थे।

अगर तरह की बीमारियों का इलाज नहीं किया जाता तो यह गले में सूजन, दम घुटने या असामयिक मौत का कारण बन सकती थीं। इनके पाचन तंत्र के विश्लेषण से यह जाहिर होता है कि मिस्र के लिए विभिन्न किस्मों का भोजन करते थे। उनके भोजन में मछली, थोड़ा गोश्त, बीयर, ब्रेड, खजूर जैसे अधिक मात्रा में शक्कर रखने वाले फल खाते थे। एक महिला की ममी 2005 में सूडान में पाई गई थी, जिसकी आयु 20 से 35 वर्ष के बीच की रही होगी। उसने अपनी दायीं जांघ पर एक टैटू गुदवा रखा था।

इस मामले में प्रदर्शनी की क्यूरेटर डैनील एंटोइन का कहना है कि उसकी दाहिनी जांघ पर अक्षरों से बना हुआ शब्द है, जिसे प्राचीन ग्रीक में माइकल उच्चारित किया जाता होगा। यह बहुत ही दुर्लभ बात है और यह उस समय में टैटू के चलन का पहला उदाहरण है।

समझा जाता है कि यह गोदना (टैटू) आर्चएंजेल माइकल को प्रतीक रूप में दर्शाता है और इस बारे में एक सिद्धांत कहता है कि वह ईसा के करीब 700 वर्ष पहले रही होगी और उसने यह गोदना आत्मिक सुरक्षा के लिए गुटवा लिया होगा।