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Written By भाषा

मोदी ने सुधारा गुजरात का कारोबारी माहौल

मोदी ने सुधारा गुजरात का कारोबारी माहौल -
नई दिल्ली। गुजरात के विकास मॉडल की सराहना करते हुए विश्व बैंक के मुखिया जिम योंग किम ने बुधवार को कहा कि यदि गुजरात मॉडल के आधार पर रैंकिंग दी जाए तो व्यापार में भारत की स्थिति में 50 स्थानों का सुधार होगा।
PIB

उनका यह बयान भारत द्वारा व्यापार में सुगमता रिपोर्ट तैयार करने में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न संकेतकों पर चिंता जताए जाने के बीच आया है।

किम ने बुधवार को यहां कहा कि यदि व्यापार करने की सुगमता के बारे में रिपोर्ट गुजरात के आधार पर की जाए तो भारत की रैंकिंग में 50 का सुधार हो सकता है।

किम ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि नरेन्द्र मोदी ने जैसे गुजरात में कारोबारी माहौल सुधारा है, अब यह कार्य देशभर में होगा। यदि ऐसा होता है तो व्यापार करने की सुगमता में भारत की रैंकिंग में तेजी से सुधार होगा।

विश्व बैंक समूह 2004 से व्यापार में सुगमता पर सालाना रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। इसमें 189 देशों में व्यापार करने की स्थिति की सूचना होती है। रिपोर्ट के अनुसार भारत 3 पायदान खिसककर 134वें स्थान पर पहुंच गया है।

किम ने इस बात को स्वीकार किया कि व्यापार करने के बारे में रिपोर्ट की कई वैध आलोचनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट पिछले 10 साल से आ रही है। उदाहरण के लिए एक शहर में सर्वेक्षण के बजाय हम दो शहरों में यह कर सकते हैं। यदि हमारे पास संसाधन हों तो हम इसे आगे बढ़ा सकते हैं।

मोदी पर और क्या बोले किम...


किम ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वे भारत के लिए मोदी की महत्वाकांक्षी दूरदृष्टि से काफी प्रभावित हैं। इससे पहले, दिन में विश्व बैंक के अध्यक्ष ने मोदी के साथ मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने नई सरकार की सोच को समझने का प्रयास किया।

किम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 3 सबसे अधिक महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर जोर दिया। ये हैं- कौशल, स्तर व गति। भारत वास्तव में कुछ उत्साहजनक चीजें करने का प्रयास कर रहा है। वह इसे बड़े स्तर पर तेजी से करना चाहता है। बाद में प्रधानमंत्री ने किम के साथ बैठक को काफी लाभदायक बताया।

मोदी ने कहा कि हमने स्तर के महत्व पर बात की। स्तर पर काम करने की बात की जिससे लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके व उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। हम ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां गति मायने रखती है। तेजी से क्रियान्वयन जरूरी है। विश्व बैंक की परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने से निश्चित रूप से प्रभाव बढ़ेगा।

मोदी ने कहा कि हमारी रुचि डॉलर के बजाय विश्व बैंक ज्ञान व विशेषज्ञता में है। उन्होंने कहा कि मैंने किम को यह भी कहा है कि गंगा की सफाई विश्व बैंक के लिए काफी प्रेरक परियोजना होगी।

विश्व बैंक के प्रमुख ने कहा कि बैंक ने पहले की गंगा की सफाई के लिए 1 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है। जरूरत होने पर हम और धन उपलब्ध करा सकते हैं।

किम ने कहा कि इस विजन को क्रियान्वित करना एक बड़ी चुनौती होगी। लेकिन मुझे विश्वास है कि भारत इस अवसर का लाभ उठाएगा।

ब्रिक्स बैंक की स्थापना के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे विकासशील देशों में ढांचागत सुविधाओं के लिए धन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यदि आप नए विकास बैंक (ब्रिक्स बैंक) पर नजर डालें तो यह स्वागत करने योग्य है। यदि आप विकासशील देशों में ढांचागत विकास की जरूरत को देखें तो यह बहुत जरूरी है।

किम ने कहा कि हमारे पास जितना धन है, उसका इस्तेमाल हम ढांचागत निवेश की जरूरत पूरी करने में इस्तेमाल करने में असमर्थ होंगे इसलिए हमारे लिए एकमात्र प्रतिस्पर्धा गरीबी और साझा समृद्धि की कमी की है।

उन्होंने कहा कि ढांचागत निवेश की समस्या से निपटने जा रहा कोई बैंक या कोई संस्थान यदि गरीबी से लड़ता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए है।

किम ने कहा कि विश्व बैंक उनके किसी भी प्रयास के लिए तकनीकी सहायता, ज्ञान आधारित सेवाएं उपलब्ध कराने में बहुत खुश होगा।

कोटा सुधारों के बारे में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष कुछ दिक्कतों से गुजर रहा है, क्योंकि इसने सुधारों के प्रथम आह्वान को मंजूरी नहीं दी है। हमने 2010 में इसे पूरा किया। 2010 में इसकी आवाज को न्यायोचित माना गया।

उन्होंने कहा कि अगले साल सुधार फिर से शुरू किए जाएंगे। प्रतिवर्ष मध्यम आय वाले देशों खासतौर पर भारत एवं ब्रिक्स देशों का कद बढ़ रहा है। अगले साल हम फिर से इस पर बहस छेड़ेंगे और इस पर चर्चा करेंगे। (भाषा)