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Written By भाषा

मुंबई ब्लास्ट : संजय दत्त को पांच साल की सजा

मुंबई ब्लास्ट : संजय दत्त को पांच साल की सजा -
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मुंबई में 1993 में हुए बम विस्फोट की घटनाओं के सिलसिले में दायर अपीलों पर न्यायाधीश ने गुरुवार को फिल्म अभिनेता संजय दत्त की सजा 6 साल से घटाकर पांच साल कर दी है।

दूसरी ओर याकूब मेनन की मौत की सजा को भी बरकरार रखा है। संजय दत्त को सजा के फैसले के बाद उनकी बहन और कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त रो पड़ी। उन्होंने कहा कि क्या कहूं, कुछ समय में नहीं आ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाना शुरू किया....

* संजय दत्त को पांच साल की जेल
* अदालत ने सजा 6 साल से घटाकर पांच साल की।
* संजय दत्त को जाना होगा जेल
* संजय दत्त को साढ़े तीन साल और जेल में रहना होगा।
* एक महीने में सरेंडर करना होगा।
* संजय दत्त आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाए गए।
* उच्चतम न्यायालय ने 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के एक दोषी याकूब मेनन की की मौत की सजा बरकरार रखी।
* अदालत फैसले पर कहा कि मेनन भगोड़ों के बाद सबसे बड़ा दोषी है।
* उच्चतम न्यायालय ने 10 अन्य दोषियों की मौत की सजा घटाकर उम्रकैद में तब्दील की।
* उच्चतम न्यायालय ने दोषियों के 20 वर्ष से जेल में बंद होने और उनकी कमज़ोर आर्थिक स्थिति के मद्देनज़र मृत्युदंड कम करने का निर्णय लिया।
* न्यायालय ने कहा कि 1993 के धमाकों के दोषियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था।
* शीर्ष अदालत ने कहा कि 1993 के धमाकों के लिए इंतजाम और साजिश दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान में बैठे अन्य लोगों ने रची थी।

* आरोपियों को पाकिस्तान में बम बनाने और उन्नत हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था।
* उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भी 1993 के धमाकों में शामिल थी।
* 1993 के धमाकों के लिए पुलिस, सीमा शुल्क और तटरक्षक की लापरवाही भी जिम्मेदार।
* याकूब मेमन और (दाऊद इब्राहिम और अन्य समेत) सभी फरार आरोपी ‘तीरंदाज’ थे, जबकि शेष आरोपी उनके हाथों से चलने वाले ‘तीर’ थे।
* उच्चतम न्यायालय ने मामले में याकूब रजाक मेमन की मौत की सजा बरकरार रखी।
* उच्चतम न्यायालय ने 1993 बम धमाका मामले में शस्त्र कानून के तहत संजय दत्त की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
* 17 लोगों की उम्रकैद की सजा बरकरार।
* दस दोषी फांसी की सजा से बचे।
* एक की उम्र कैद को 10 साल की सजा में बदला।
* उम्रकैद की एक दोषी की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।
* जिनकी फांसी को उम्रकैद में बदला, उन पर अदालत ने कहा कि वे गरीब और अनपढ़ लोग थे और मोहरे की तरह इस्तेमाल हुए।

* फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा-
* ऐसी याचिकाएं मंजूर नहीं।
* टाडा कोर्ट में प्रक्रिया का पालन
* संजय दत्त ने शूटिंग रद्द की।

क्या है मामला :
* मुंबई में 12 मार्च 1993 के दिन आतंकवादी हमले में टाडा अदालत ने 100 व्यक्तियों को दोषी ठहराया था। अदालत ने इनमें से 12 अभियुक्तों को मौत की सजा और 20 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।किया
* संजय दत्त अवैध रूप से हथियार रखने का दोषी पाया गया था।
* उन्हें इस मामले में टाडा अदालत ने छह साल की सजा सुनाई थी।
* विशेष टाडा न्यायाधीश प्रमोद कोडे ने संजय दत्त पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया था।
* संजय दत्त ने कई महीने ‍आर्थर रोड जेल और यरवदा जेल में गुजारे थे। 2007 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था।
* न्यायाधीश कोडे ने सजा सुनाते वक्त कहा था कि नौ एमएम की पिस्तौल, एके-56 राइफल रखना एक गंभीर अपराध है और संजय दत्त को मालूम था कि वह क्या कर रहे हैं इसलिए उनकी प्रोबेशन ऑफ अफेंडर एक्ट के तहत दायर याचिका माफी के लायक नहीं है।
* संजय दत्त 18 महीने जेल में गुजार चुके हैं। यदि शीर्ष अदालत ने टाडा अदालत के फैसले की पुष्टि कर दी तो फिर उन्हें शेष अवधि के लिए फिर जेल जाना पड़ेगा।