शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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Written By भाषा

पीएम मोदी की सभा में सीएम सोरेन की हूटिंग

पीएम मोदी की सभा में सीएम सोरेन की हूटिंग -
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रांची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुरुवार को यहां हुई आमसभा में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की ही तर्ज पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भी जमकर हूटिंग की गई, लेकिन उन्होंने अपना भाषण न सिर्फ पूरा किया बल्कि लोगों को मंच की गरिमा बनाए रखने की नसीहत भी दी।

मंगलवार को हरियाणा के कैथल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की हूटिंग के बाद गुरुवार को एक बार फिर यहां उनकी जनसभा में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी लोगों ने नहीं बख्शा और उनकी जमकर हूटिंग की।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे ही बोलने के लिए उठे सभा में मौजूद सैकड़ों लोगों ने शोर मचाना प्रारंभ कर दिया और बाद में वे ‘मोदी-मोदी...’ के नारे लगाने लगे। बीच में कुछ लोगों ने राज्य सरकार विरोधी नारे भी लगाए।

शोर बढ़ता देख प्रधानमंत्री ने हाथों से इशारा कर लोगों से शांत होने की अपील की। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कुछ देर थमे, लेकिन फिर उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आप लोग प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मंच की गरिमा समझें और उसे बरकरार रखें।

सोरेन ने हूटिंग के बावजूद अपना भाषण जारी रखा और मोदी का राज्य में स्वागत करते हुए उन्हें प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई भी दी। हेमंत ने झारखंड में गरीबों की समस्याओं पर गौर करने और उनके उत्थान के लिए योजना बनाने की अपील की।

मंगलवार को अपनी हूटिंग के बाद हुड्डा ने आगे कभी भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्टेज पर न बैठने की घोषणा की थी और गुरुवार शाम महाराष्ट्र के नागपुर में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में वहां के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने भी प्रधानमंत्री के मंच पर न बैठने की घोषणा कर दी है।

बहिष्कार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण : महाराष्ट्र में भाजपा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के उस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नागपुर में होने वाले कार्यक्रम का बहिष्कार करने की बात कही।

इसके साथ ही भाजपा ने कहा कि कांग्रेस को इस बात का आत्ममंथन करना चाहिए कि लोग राज्य के नेतृत्व से ‘नाखुश’ क्यों हैं। मोदी ने गुरुवार को नागपुर में एक मेट्रो परियोजना के लिए ‘भूमिपूजन’ किया।

भाजपा नेता विनोद तावडे ने कहा कि जब मुख्यमंत्री (चव्हाण) विदर्भ गए तो किसानों ने उनका विरोध किया। वे भाजपा कार्यकर्ता नहीं थे। कांग्रेस को यह आत्ममंथन करना चाहिए कि आम आदमी राज्य के नेतृत्व से इतना नाखुश क्यों है?

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के इस नेता ने कहा कि यह हैरान करने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं। मैंने उनसे बुधवार को भी बात की और उन्हें कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए कहा था।

कांग्रेस शासित राज्यों में मोदी की उपस्थिति वाले समारोहों में सवालों की घटनाओं पर उग्र रुख अपनाते हुए चव्हाण ने बुधवार को कहा था कि वे नागपुर में गुरुवार को होने वाले समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे।

शनिवार को सोलापुर में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री ने 4 लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 9 का उद्घाटन किया था। यहां चव्हाण को बीच में ही अपनी बात रोकनी पड़ी थी, क्योंकि भाजपा समर्थकों ने कथित तौर पर मोदी का नाम जपना शुरू कर दिया था।

चव्हाण ने कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में आयोजित कार्यक्रमों में देश के संघीय ढांचे को खोखला किया जाता रहा है। इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मौजूद थे। भाजपा के राज्य प्रवक्ता माधव भंडारी ने भी मुख्यमंत्री के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह विदर्भ क्षेत्र के लोगों का ‘अपमान’ है।

उन्होंने कहा कि आज के समारोह का बहिष्कार करना उनके (चव्हाण के) लिए अनुपयुक्त है। कांग्रेस ने हमेशा विदर्भ के लोगों के साथ अन्याय किया है। आज, क्षेत्र के लोगों के लिए शुरू किए गए विकास कार्य का बहिष्कार करके उन्होंने एक बार फिर लोगों का अपमान किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक समारोह के दौरान चव्हाण ने प्रधानमंत्री के समक्ष बोलते हुए एक राजनीतिक भाषण देने की कोशिश की। इसे लोगों ने पसंद नहीं किया और इस पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन कांग्रेस आम आदमी की भावनाओं को समझने में विफल रही है।

भंडारी ने कहा कि वे नागपुर के समारोह का बहिष्कार सिर्फ इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वे इस बात से नाराज हैं कि लोगों ने हाल के आम चुनावों में सभी 10 लोकसभा सीटें (विदर्भ क्षेत्र में) भाजपा-शिवसेना के गठबंधन को दे दीं। (भाषा)