गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By WD

तेज हुआ विवाद, शिवसेना ने किया सांसदों का समर्थन...

तेज हुआ विवाद, शिवसेना ने किया सांसदों का समर्थन... -
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मुंबई। अपने एक सांसद द्वारा मुस्लिम कर्मचारी को रोजे के दौरान कथित तौर पर रोटी खिलाने के लिए मजबूर करने मामले में आलोचना से घिरी शिवसेना ने कहा कि यह दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन के कुप्रबंधन के विरोध में था और राजनीतिक लाभ लेने तथा पार्टी की छवि खराब करने के लिए इस मामले को सांप्रदायिक रंग दिया गया।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा, 'शिवसेना सभी धर्मों का सम्मान करती है लेकिन अगर कोई अपने धार्मिक जुड़ाव का दिखावा धौंस जमाने के लिए करता है तो उसे बर्दाश्त नहीं करेगी। हर किसी को अपना धर्म अपने हृदय और घर में रखना चाहिए। अगर कोई इसका सहारा लेता है और इसके जरिए राजनीति करके शिवसेना को बदनाम करने का प्रयास करता है तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस संपादकीय के जरिए प्रबंधन द्वारा महाराष्ट्र सदन में घटिया स्तर की सेवा मुहैया कराए जाने को लेकर निशाना साधा गया है।

इस पूरे विवाद के केंद्रबिंदु में रहे अपने सांसद राजन विचारे का नाम लिए बगैर पार्टी ने कहा, 'क्या अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना गलत है? घटिया खाने को लेकर केटरिंग के कांट्रैक्टर से सवाल करना गलत है?'

संपादकीय में कहा गया, 'क्या यह गलत है कि कांट्रैक्टर के मुंह तक रोटी ले जाई जाए और उससे खाने के लिए कहा जाए। यह उसके चेहरे पर नहीं लिखा कि वह मुस्लिम है। यह एक इत्तेफाक था। कांट्रैक्टर ऐसी रोटियां परोसता है जिसे तोड़ना भी मुश्किल है। कोई ऐसा खाना कैसे खाएगा?’

सामना के संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र सदन में स्वच्छ पेयजल, सफाई और कैंटीन में उचित प्रबंधन का अभाव है। शिवसेना ने कहा, 'महाराष्ट्र सदन निजी जागीर बन चुका है.. यह मराठी मानुष का अपमान है। मराठी सांसदों की ओर से उठाई गई आवाज का संज्ञान लेने की बजाय मुख्यमंत्री और राज्य के मुख्य सचिव इस घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं।'
संपादकीय में महाराष्ट्र सदन में भ्रष्ट गतिविधियों का खुलासा करने के लिए भाजपा सांसद किरीट सोमैया की तारीफ की गई है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल इस घटना को लेकर हुए हंगामे को उनकी पार्टी की आवाज शांत करने का प्रयास करार देते हुए कहा कि पार्टी हिंदुत्ववादी है, लेकिन वह दूसरे धर्मों से घृणा नहीं करती है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने महाराष्ट्र सदन में मुहैया कराई जा रही सेवाओं को लेकर कल शिवसेना के सांसदों की ओर से की गई शिकायत के मामले में जांच का आदेश दिया। (भाषा)