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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 28 जुलाई 2014 (19:20 IST)

डीजल की कीमतों पर राज्यों के साथ बैठक

डीजल की कीमतों पर राज्यों के साथ बैठक -
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नई दिल्ली। राज्यों में लगने वाले विभिन्न शुल्कों के कारण डीजल के दाम में 7 रुपए प्रति लीटर तक की वृद्धि को देखते हुए केंद्र ने 12 राज्यों की बैठक बुलाई है ताकि उन्हें शुल्क घटाने तथा कीमतों में कमी लाने को मनाया जा सके। इन राज्यों में डीजल पर चुंगी व प्रवेश शुल्क सहित अन्य राज्य विशेष शुल्क सबसे अधिक हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में डीजल की कीमत 57.84 रुपए प्रति लीटर है जबकि मुंबई में 66.01 रुपए तथा बाकी महाराष्ट्र में 65.99 रुपए लीटर। कीमतों में यह अंतर विशेषकर डीजल पर ऊंचे स्थानीय करों या वैट तथा चुंगी व प्रवेश शुल्क आदि राज्य करों की वजह से है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संघीय सहकार के प्रशासनिक मॉडल की राह पर चलते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के निर्देश पर मंत्रालय ने राज्यों के साथ परामर्श प्रक्रिया शुरू की है। इस मॉडल में राज्यों को केंद्र के साथ बराबर का भागीदार माना गया है।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 9 जुलाई को इस बारे में राज्य सरकारों को पत्र लिखा था और अब राज्यों की बैठक बुलाई है ताकि उन्हें समान कराधान प्रणाली तथा राज्य स्तर पर लगने वाले अनेक करों को समाप्त करने को मनाया जा सके।

यह बैठक असम, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तराखंड तथा केरल के अधिकारियों के साथ 30-31 जुलाई को बुलाई गई है, वहीं महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल व उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के साथ यह बैठक 5-6 अगस्त को होगी।

अधिकारियों का कहना है कि अगर राज्य अपने स्तर के शुल्कों को समाप्त कर देते हैं तो पेट्रोल व डीजल के दाम कम होंगे और लोगों को इसका फायदा होगा।

राज्यों में राज्यस्तरीय विभिन्न शुल्कों की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम में और बढ़ जाते हैं जिसका बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ता है। महाराष्ट्र के कुछ शहरों में तो बहुस्तरीय शुल्कों की वजह से डीजल के दाम 4 से 7 रुपए तक लीटर तक बढ़ जाते हैं। (भाषा)