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Written By भाषा
Last Modified: जम्मू , बुधवार, 27 अगस्त 2014 (15:02 IST)

जम्मू में भारत-पाक की फ्लैग मीटिंग

जम्मू में भारत-पाक की फ्लैग मीटिंग -
PTI
जम्मू। संघर्ष विराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं को लेकर पाकिस्तान के समक्ष भारत द्वारा विरोध दर्ज कराए जाने के एक दिन बाद दोनों पक्ष सीमा पर स्थिति सामान्य करने के लिए बुधवार को सेक्टर कमांडर स्तरीय फ्लैग मीटिंग करेंगे।

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ और पाक रेंजर्स के बीच बुधवार को जम्मू के अखनूर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पर्गवाल अग्रिम पट्टी में फ्लैग मीटिंग होनी है।

उन्होंने बताया कि बीएसएफ संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं, सीमा चौकियों और रिहायशी इलाकों पर गोलाबारी किए जाने को लेकर पाक रेंजर्स के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज कराएगा। यह बैठक निकोवाल सीमा चौकी पर होनी है।

समझा जाता है कि बैठक में बीएसएफ की टीम पाक रेंजर्स को पिछले 45 दिन में जम्मू और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अरनिया, आरएस पुरा, रामगढ़, अखनूर और कनाचक क्षेत्रों के रिहायशी इलाकों में हुई गोलाबारी में उनकी संलिप्तता के बारे में सबूत देगी।

इस अवधि में गोलीबारी में 2 नागरिक मारे गए और बीएसएफ के 4 जवानों सहित 17 अन्य लोग घायल हो गए।

भारत ने सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं को लेकर मंगलवार को पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया था। यह विरोध दोनों देशों के डीजीएमओ’ज (महानिदेशक सैन्य अभियान) के बीच टेलीफोन पर वार्ता के दौरान दर्ज कराया गया था।

सेना के सूत्रों के अनुसार समझा जाता है कि भारतीय पक्ष ने बातचीत के दौरान संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि का मुद्दा उठाया और विरोध जताया।

दोनों पक्षों ने स्थिति सामान्य करने के लिए सेना और बीएसएफ दोनों की ओर से फील्ड स्तर पर फ्लैग मीटिंग्स का आयोजन करने पर भी सहमति जताई।

दोनों डीजीएमओ’ज- भारत से लेफ्टिनेंट जनरल पीआर कुमार और पाकिस्तान से मेजर जनरल आमिर रियाज ने हॉटलाइन पर अपनी बातचीत के दौरान सीमा पर स्थिति के बारे में चर्चा की। हॉटलाइन पर यह बातचीत हर मंगलवार को होती है।

बीएसएफ ने कहा कि पिछले 45 दिन में पाकिस्तानी बलों की ओर से की गई गोलीबारी वर्ष 1971 के बाद संभवत: ‘सर्वाधिक’ रही।

बल के महानिदेशक डीके पाठक ने मंगलवार को कहा कि हां, यह पिछले कुछ वर्षों में (सर्वाधिक गोलीबारी) है। मेरे विचार से यह शायद 1971 के युद्ध के बाद से हो सकता है। इस तरह की स्थिति होने के लिए 45 दिन बहुत लंबी अवधि है।

स्थिति सामान्य करने के लिए बीएसएफ और सेना द्वारा फील्ड स्तरीय फ्लैग मीटिंग्स आयोजित करने के फैसले के बारे में पूछने पर पाठक ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि शांति होगी। (भाषा)