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Written By भाषा

मोदी बोले, साबरमती की तरह होगी गंगा की सफाई...

मोदी बोले, साबरमती की तरह होगी गंगा की सफाई... -
अहमदाबाद। भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी जाने से पहले अपने ब्लॉग में लिखा है कि गंगा की सफाई भी साबरमती की तरह होगी। वह आज वाराणसी से नामांकन दाखिल करेंगे।
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उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा कि मैं सोमनाथ की धरती से भगवान विश्वनाथ की नगरी के लिए एक अनुपम और अविस्मरणीय यात्रा आरम्भ करने जा रहा हूं। कुछ देर बाद मैं वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करूंगा। मैं पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद करना चाहूँगा कि उन्होंने मुझे इस महान ऐतिहासिक शहर से चुनाव लड़ने का मौका दिया।

वाराणसी के बारे में मार्क ट्वेन ने कहा था कि वाराणसी इतिहास से भी पुरातन है, परम्पराओं से भी पुराना है, किंवदंतियों से भी प्राचीन है और अगर इन सभी को एक साथ रख दिया जाए तो उनसे भी कहीं अधिक पुराना है।

मोदी इस तरह करेंगे वाराणसी का विकास...


ब्लॉग में मोदी ने लिखा है कि हमें वाराणसी के लिए अत्याधुनिक पर्यटन सुविधाओं का निर्माण करना होगा। एक बार अगर हम पर्यटन को आवश्यक प्रोत्साहन देने में सक्षम हो जाते हैं, तो इससे न केवल अधिक से अधिक पर्यटक यहां आयेंगे बल्कि गरीब से गरीब व्यक्ति अपनी आजीविका में इजाफा कर सकेगा। ज्यादा सैलानी आएंगे तो यह उन लोगों के लिए लाभप्रद होगा जो मंदिरों से जुड़े हैं, घाटों पर रह रहे हैं, जो गंगा के घाटों से सवारियों का परिवहन करते हैं। समूचा शहर और उससे जुड़े क्षेत्र की काया ही पलट जाएगी।

गंगा वाराणसी की जीवन रेखा है, यहां की पहचान का मूल आधार है - यह हमारी माँ है। दुर्भाग्यवश हम गंगा के प्रति उतना ध्यान नहीं दे सके हैं, जितना कि देना चाहिए था। उत्तर प्रदेश के कई भागों में गंगा की हालत दयनीय है। हम ऐसा चलने नहीं दे सकते। समय की मांग है कि गंगा की समुचित सफाई हो और इसके पूर्व गौरव को बहाल किया जाए।

उन्होंने कहा कि जब मैं गंगा की सफाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता की बात करता हूं, तब वह केवल एक वादा मात्र नहीं होता है। जब मैं 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बना तब साबरमती की हालत भी ऐसी ही थी. यह सर्कसों के आयोजन और बच्चों के क्रिकेट खेलने के स्थान के तौर पर जानी जाती थी। आज 2014 में समूचा दृश्य ही बदल गया है। हम नर्मदा से पानी लेकर आए जो अब साबरमती में बह रहा है। एक विश्व स्तरीय साबरमती रिवर फ्रंट का निर्माण किया गया, जो कि अहमदाबाद का सबसे लोकप्रिय मनोरंजन और सांस्कृतिक स्थल बन गया है। भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से, हम वाराणसी में भी इसी प्रकार के बदलाव का मंशा रखते हैं।

मोदी ने बताया वाराणसी क्यों है खास...


मोदी ने बताया कि वाराणसी भारत की गौरवशाली संस्कृति का उद्गम और परंपराओं, लोक-नीतियों तथा सदाश्यता का संगम स्थल है। यह संकट मोचन मंदिर की मंगल भूमि है। यह धरा दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करती है, जो यहां शांति और मोक्ष की तलाश में आते हैं।

वाराणसी पूजनीय संत रविदास की जन्मस्थली है। बनारस में ही महात्मा कबीर का भी जन्म हुआ, परवरिश हुई और यहीं से उन्होंने अपने ज्ञान का उजियारा दुनिया भर में फैलाया। मिर्जा गालिब ने बनारस को ‘काबा-ए-हिन्दुस्तान’ और ‘चिराग-ए-दैर’ यानि दुनिया की रोशनी कहा था। जब पंडित मदन मोहन मालवीय को शिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए स्थान का चयन करना था, उन्होंने बनारस को ही चुना। गंगा-जमुनी तहज़ीब के महान दूत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जिक्र किए बिना वाराणसी का परिचय अधूरा सा लगता है। वाराणसी के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का प्यार अतुलनीय और अविस्मरणीय है।

सच में वाराणसी और यहां के लोगों में कुछ तो खास है। इस देवभूमि का हर निवासी अपने अन्दर कहीं न कहीं देवत्व लिए हुए है। इसी सत्प्रेरणा और भगवान विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ शानदार अतीत वाले वाराणसी के वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए हम निकल पड़े हैं।