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Written By भाषा

बंगाल में भाजपा को मोदी लहर का सहारा

बंगाल में भाजपा को मोदी लहर का सहारा -
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कोलकाता। भाजपा को उम्मीद है कि इस लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते वह पश्चिम बंगाल में राजनीतिक समीकरण बदल डालेगी। यही वजह है कि पार्टी ने राज्य की सभी 42 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए कोई कसर न छोड़ते हुए पार्टी नेतृत्व ने राजनीतिज्ञों के अलावा कला, संगीत और जादू जैसे विविध क्षेत्रों से ऐसे प्रत्याशियों का चयन किया है जिनकी जनता के बीच असरकारक अपील हो सके।

यही वजह है कि एसएस अहलूवालिया जैसे नेताओं के साथ-साथ प्रत्याशियों की सूची में संगीतकार बप्पी लाहिरी, जादूगर पीसी सरकार, गायक बाबुल सुप्रियो और अभिनेता जॉर्ज बेकर जैसे नाम शामिल हैं।

भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने बताया कि पूरे राज्य में नरेन्द्र मोदी के लिए सकारात्मक लहर है और बहुचर्चित परिवर्तन लाने में नाकामी के कारण तृणमूल कांग्रेस के लिए नकारात्मक लहर है। सिन्हा को विश्वास है कि असंतुष्ट मतदाता भाजपा के लिए मतदान करेंगे और लोकसभा चुनावों में उनकी भूमिका गेम चेंजर की होगी।

राजनीतिक विश्लेषकों को लगता है कि भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ सकता है, जैसा कि विभिन्न चुनाव सर्वे में कहा जा सकता है। वर्ष 1991 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन की पृष्ठभूमि में पार्टी ने राज्य में 12 फीसदी वोट हासिल किए थे।

बहरहाल, पर्यवेक्षक मानते हैं कि पार्टी की राह आसान नहीं है। 90 के दशक में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था।

कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं नहीं कह सकता कि भाजपा को वोट नहीं मिलेंगे। यह एक ताकत जरूर है लेकिन निर्णायक कारक नहीं है। विरोधी होने के नाते हमें पार्टी को कम करके नहीं आंकना चाहिए।

भाजपा के बढ़ते ग्राफ और वोट काटने में उसकी भूमिका के मद्देनजर तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी चुनावी सभाओं में उसके प्रति हमले तेज करते हुए लोगों से उसे खारिज करने का आग्रह किया है।

ममता ने हाल ही में इस्लामपुर में अपनी एक सभा में नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना कहा था कि भाजपा को वोट न दें, क्योंकि उनकी दिलचस्पी केवल हिन्दू-मुसलमानों के बीच विभाजन में है। गुजरात दंगों का चेहरा ही भाजपा का असली चेहरा है।

इस पर सिन्हा ने कहा कि उन्हें लगता है कि भाजपा और दलों की तुलना में अधिक खतरनाक है। वे बिना किसी कारण के भाजपा को निशाना बना रही हैं। उनका मुख्य निशाना विपक्षी माकपा होना चाहिए, लेकिन माकपा के बजाय भाजपा उनके निशाने पर है।

सिन्हा के अनुसार, पार्टी ने राज्य की 42 में से 15 सीटों की पहचान की है। दार्जीलिंग और कृष्णनगर सहित इन 15 सीटों पर पार्टी को अच्छा प्रदर्शन करने और कुछ सीटें जीतने की उम्मीद है। (भाषा)