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Written By भाषा
Last Modified: बेंगलुरु , बुधवार, 16 अप्रैल 2014 (12:56 IST)

कर्नाटक में कांग्रेस-भाजपा में कड़ा मुकाबला

कर्नाटक में कांग्रेस-भाजपा में कड़ा मुकाबला -
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बेंगलुरु। कर्नाटक की सभी 28 लोकसभा सीटों के लिए गुरुवार को एकल चरण में चुनाव होंगे जिनमें 6 को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है।

दोनों राजनीतिक दलों को लगता है कि हवा उनके पक्ष में बह रही है। पिछले साल मई में हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद भाजपा को वापसी करने का भरोसा है जबकि कांग्रेस को कम से कम 20 सीटें जीतने का भरोसा है।

राज्य में चुनावों के दौरान सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों समेत करीब 85,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। राज्य में 54,294 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें 8,658 की अतिसंवेदनशील और 14,400 की संवेदनशील मतदान केंद्रों के रूप में पहचान की गई है।

2009 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 19 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस को केवल 6 और जद (एस) को 3 सीटों पर जीत मिली थी, तब राज्य में भाजपा की सरकार थी।

अब राज्य में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी अधिकतम लाभ पर ध्यान केंद्रित कर रही है। राज्य में कुल 4.62 करोड़ मतदाता हैं और चुनावी मैदान में 435 उम्मीदवार खड़े हैं।

कांग्रेस विधानसभा चुनावों के अच्छे प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद कर रही है, जब उसने राज्य के 224 विधानसभा सीटों में से 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी और दक्षिण भारत की पहली भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर किया था। भाजपा अब लोकसभा चुनावों में अपनी किस्मत पलटने की उम्मीद कर रही है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच कम से कम 22 लोकसभा सीटों पर सीधा मुकाबला है जबकि बाकी सीटों पर जनता दल (एस) के मजबूत होने से त्रिपक्षीय मुकाबले की उम्मीद है।

इन सीटों पर होगी सबकी नजर...


इन सीटों में से बेंगलुरु दक्षिण सीट पर मुकाबला सबसे दिलचस्प है, जहां संप्रग सरकार के आधार कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले इंफोसिस के सहसंस्थापक, कांग्रेस प्रत्याशी नंदन नीलेकणि और भाजपा के मजबूत प्रतिद्वंद्वी और 5 बार के सांसद अनंत कुमार के बीच मुख्य मुकाबला है।

अरबपति उम्मीदवार नीलकेणि इन लोकसभा चुनावों में अब तक उतरे देश के सबसे धनी उम्मीदवार हैं जिनकी अपनी और अपनी पत्नी की मिलाकर 7,700 करोड़ रुपए की घोषित संपत्ति है।

राजनीतिक रूप से बेहद सचेत मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग बहुल बेंगलुरु दक्षिण सीट पर 1970 के दशक के अंत से कांग्रेस को 1989 के चुनावों को छोड़कर कभी भी जीत हासिल नहीं हुई है।

पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी चर्चा के केंद्र में हैं। शिमोगा सीट से चुनाव लड़ रहे येदियुरप्पा का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री एस. बंगारप्पा की बेटी और जनता दल (एस) की उम्मीदवार गीता शिवराजकुमार से है।

दूसरे प्रमुख उम्मीदवारों में एचडी देवेगौड़ा (हासन), केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली (चिकबलपुर), एचडी कुमारस्वामी (चिकबलपुर), एन. धर्मसिंह (बीदर) और डीवी सदानंद गौड़ा (बेंगलुरु उत्तर) हैं। ये सभी नेता पूर्व मुख्यमंत्री हैं।

अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) भी इस बार चुनावी मैदान में है। पार्टी ने सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं जिनमें प्रमुख उम्मीदवार बेंगलुरु मध्य से चुनाव लड़ रहे इंफोसिस के पूर्व निदेशक वी. बालकृष्णन हैं। (भाषा)