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Written By सुरेश एस डुग्गर

आतंक को परे कर मतदान के लिए निकले कश्मीरवासी

आतंक को परे कर मतदान के लिए निकले कश्मीरवासी -
अनंतनाग (जम्मू कश्मीर)। आतंकी धमकी के बावजूद कश्मीरी अपने घरों से निकले और मतदान किया। चाहे वे वर्ष 2009 के लोकसभा में हुए मतदान का रिकार्ड नहीं तोड़ पाए पर उतना तो मतदान उन्होंने कर ही दिया। अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में लगभग 27 प्रतिशत मतदान हुआ है।

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अनंतनाग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में गुरुवार को बेहद कम मतदान दर्ज किया गया। मतदान प्रक्रिया के पहले पांच घंटों में मात्र 15 प्रतिशत मतदान हुआ तो 5 बजे तक यह 27 प्रतिशत तक पहुंच गया। यहां हिंसा की पांच घटनाएं दर्ज की गईं।

त्राल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में दोपहर तक सबसे कम 0.35 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। पुलवामा में कुल 6.32 प्रतिशत मतदान हुआ है। अनंतनाग और कुलगाम में 37-37 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस निर्वाचन क्षेत्र में सोमवार को अलगाववादियों दो मुखियाओं की हत्या कर दी थी।

मतदान के शुरुआती पांच घंटों में सबसे ज्यादा मतदान नूराबाद, डुरु और पहलगाम में क्रमशः 28 प्रतिशत, 21 प्रतिशत और 24 प्रतिशत दर्ज किया गया था। पांच बजे की अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक, अनंतनाग और कुलगाम में 37-37 प्रतिशत, छोपियां में 20.43 औश्र सबसे कम पुलवामा में 6.32 प्रतिशत मतदान हुआ।

मतदान प्रक्रिया के दौरान कुछ हिंसक घटनाएं भी हुईं। युवाओं ने कोइल, मलंगपुरा, लस्सीपुरा पुलवामा और कोयमाह कस्बों में मतदान केंद्रों पर पथराव किया। कुछ जगहों पर लाउडस्पीकर पर घोषणा कर लोगों से चुनावों से दूर रहने के लिए कहा गया। यहां शुरुआती घंटों में मतदान बेहद धीमा रहा।

पुलवामा जिले के ददसारा और त्राल जैसे स्थानों पर शुरुआत के दो घंटो में मतदान केंद्र के बाहर एक मतदाता भी नहीं दिखा। हालांकि बाद में मतदान ने जोर पकड़ लिया। गौरतलब है कि इस सीट पर मुख्य मुकाबला राज्य में सत्ताधारी नेकां के मिर्जा महबूब बेग और पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती के बीच है।

बिजबेहड़ा में भी मतदान प्रतिशत कम रहा। बिजबेहड़ा पीडीपी की उम्मीदवार महबूबा मुफ्ती और उनके पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद का गृहनगर है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग संसदीय क्षेत्र के तहत पुलवामा जिले के एक मतदान केंद्र पर कुछ लोगों ने पथराव किया जिसके बाद मतदान थोड़े समय के लिए स्थगित कर दिया गया। पुलिस ने इन लोगों को चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं।

पुलिस ने कहा कि लोगों के एक समूह ने पुलवामा के कोईल में एक मतदान केंद्र पर पथराव किया लेकिन सुरक्षाबलों ने चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाकर उन्हें खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि अब फिर से मतदान शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि संघर्ष में कोई घायल नहीं हुआ। कुछ लोगों ने बुधवार रात तराल, कोईमोह और कुछ अन्य जगहों पर पथराव किया था लेकिन इन घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ।

चुनाव का विरोध कर रहे अलगाववादियों द्वारा मतदान के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी करने से रोकने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की थी जिससे आज दूसरे दिन भी कश्मीर में कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी रही। सरकारी सूत्रों ने कहा कि अलगाववादियों द्वारा चुनाव विरोधी प्रदर्शनों की आशंका के अलावा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में मतदान को देखते हुए प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास सुरक्षा बढ़ाई थी।

दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में आज हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सईद अली शाह गिलानी के आह्वान पर बंद की स्थिति रही। अधिकारियों ने कहा कि दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप बंद रहे वहीं सार्वजनिक परिवहन के साधन सड़कों से नदारद थे।

मतदान का दिन होने से चुनाव आयोग द्वारा घोषित अवकाश के कारण भी बंद का असर दिखाई दिया। गिलानी ने पिछले हफ्ते लोगों से कहा था कि 24 अप्रैल, 30 अप्रैल और 7 मई को ‘नागरिक कर्फ्यू’ लगाया जाए। इन तीन चरणों में क्रमशः अनंतनाग, श्रीनगर और बारामुल्ला लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है।