गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By WD

राजी हैं तो प्यार वरना बलात्कार...

बाली उमर के 'प्यार' पर सोशल मीडिया में तकरार...

राजी हैं तो प्यार वरना बलात्कार... -
आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2013 में बलात्कार को लैंगिकता से जुड़ा विशिष्ट अपराध माना गया है। इसके अंतर्गत सहमति से सेक्स की आयु घटाने के लिए मंत्रीसमूह ने आपसी सहमति से सेक्स की उम्र 18 से घटाकर 16 साल करने की सिफारिश की है जिसे तत्काल मान लिया गया है। लेकिन आम लोगों में इसको लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर खासी बहस छिड़ी है। सोशल मीडिया से जुड़े अधिकतर लोग इसपर व्यंग कस रहे हैं। तो आईए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ रोचक फेसबुक पोस्ट पर...

FB
फेसबुक पर स्थानीय मामलों को लेकर तीखा व्यंग करने वाले इंदौर के पंकज क्षीरसागर लिखते हैं - सहमति है तो सेक्स वरना सब रेप। छोरा-छोरी, कॉपी-किताब की दुकानों में लटूम-लटूम के 'सहमति' पत्र खरीदेंगे। स्टाम्प पेपर पर 'सेक्स सहमति' की नोटरी दुकानें चल्लू होने ही वाली है। एग्रीमेंट साइन होंगे। शपथ-पत्र भरे जाएंगे। आपसी 'सहमति' के प्रिंटेड फॉर्म छपेंगे। लड़कियां अपना नाम लिखकर, लड़कों का नाम लिखने के लिए _ _ डैश-डैश की खाली जगह छोड़कर 'सहमति' हमेशा तैयार रखेगी। मसाज पार्लर की आड़ में सेक्स रैकेट, सॉरी मतलब सहमति रैकेट के संचालक अपने पास 'सहमति पत्रों' की फाइल रेडी रखेंगे।

पढ़ने वाले बच्चों को सोलह का होते ही क्लास में ही 'सहमति डायरी' सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। पन्ने फाड़-फाड़कर आपसी सहमति होगी। छोरा-छोरी, यदि आप आपत्तिजनक परिस्थिति में पकडाओ तो, अपने दोस्त के फ्लैट में गर्लफ्रेंड को 'पढ़ते' समय, या अन्य ग़लत काम के समय हमेशा 'सहमति पत्र' साथ रख्खे। जल्दी ही रेप रेट कम करने के लिए टीवी पर कैंपेन चलेंगे। "सहमति है तो सेक्स, वरना सब रेप"।

इसी तरह ट्विटर पर भी इस मुद्दे को लेकर बहस जारी है। अधिकतर लोग इसे भारतीय संस्क़ृति के विरुद्ध मानते हुए लिखते हैं कि इससे हमारे प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों का पतन होना तय है।

रामदेव शिवहरे ट्वीट करते हैं कि वोट के लिए 18 साल और 'खोटे' काम के लिए 16, यह सरकार क्या एमटीवी ज्यादा देखने लगी है!! क्या अब बच्चों के लँच-बाक्स में I-pill की गोलियां और जेब में 'सुरक्षा चक्र' मिलेगा, जानें अगले पन्ने पर...

इसी तरह मुंबई की एक ब्लॉगर मारिया अलेक्स का कहना है कि ठीक है कि अगर सहमति से सेक्स के लिए उम्र 16 साल है, लेकिन अब शराब पीने के लिए भी उम्र 16 साल कर देनी चाहिए। कम से कम शराब तो लोग सहमति से ही पीते हैं कोई जबरन तो पिलाता नहीं।

फेसबुक पर सामयिक मुद्दों पर हमेशा एक्टिव रहने वाले भुवन गुप्ता लिखते हैं कि "जेण्डर जस्टिस v/s बचपन बचाओ" :- निदा फ़ाज़ली साहब का एक पुराना शे'र है : जितनी बुरी कही जाती है, उतनी बुरी नहीं है दुनिया; बच्चों के स्कूल में शायद, तुमसे मिली नहीं है दुनिया । . . . पता नहीं, एंटी रेप बिल को मंत्रियों के समूह और अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद कितने लोग इस शे'र की दूसरी लाईन से इत्तफ़ाक रख पाएंगे ? आने वाले समय हमारे स्कूल क्या सचमुच मासूमियत की हिफाज़त करते नज़र आएंगे ? बच्चों के लँच-बाक्स में I-pill की गोलियां और जेब में 'सुरक्षा चक्र' लिए घुमना अब 'सहमती के संबंध' की अनिवार्यता हो जाएगा क्योंकि गर्भपात तो गैर कानूनी है ही, 18 से पहले आपका कानून विवाह को भी मान्यता नहीं देता । ऐसे में 'संबंधों' का उत्पाद समाज में कहाँ और कैसे खप पाएगा?

राहुल दी फ्रीकीड्यूड नाम का यूजर लिखता है कि चिदंबरम साहब 'जब तक है जान फिल्म में अनुष्का के डॉयलाग हमारी जनरेशन में सेक्स पहले होता है दोस्ती बाद में, को बिलकुल ठीक समझे हैं।

सुनील सिद्दू ट्वीट करते हैं कि अब उम्र 16 हो या 18 क्या फर्क पड़ता है। सरकार इसे मुद्दा क्यों बना रही है? क्या सरकार को महंगाई भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं नजर नहीं आतीं? सेक्स 16 में हो या 18 में, ज्यादातर मामले छुपकर होते हैं। और अगर सख्त कानून बन भी जाए तो सभी अपराधियों को सजा होगी इसकी ग्यारंटी सरकार देती है?

अशफाक हुसैन फेसबुक पर लिखते हैं कि भूल जाइए, पहले बुनियादी मुद्दों को सुधारिये। हम यूरोप या अमेरिका में नहीं रहते जहां, सेक्स के बारे में ऐसे कानून पर बहस हो। बिना शादी के सेक्स भले ही कितनी भ‍ी उम्र में क्यों न हो, उसे सरकार की मान्यता मिल सकती है, लेकिन समाज उसे कभी मान्य नहीं कहेगा? एक कानून समाज को इस पर राजी करने के लिए भी बनाएंगे क्या?

आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं हमें बताए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे अपनी राय...