भारतीय संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द गायब!
शीर्षक पढ़कर चौंकना स्वाभाविक है क्योंकि केन्द्र में इस समय भाजपा नीत जो सरकार चल रही है, उस पर हिन्दूवादी होने का तमगा लगा हुआ है। साथ ही भाजपा के सहयोगी संगठन भी भारत को 2021 तक हिन्दू राष्ट्र बनाने का दावा कर रहे हैं।
दरअसल, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञापन जारी किया है, जिसमें 'धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी' शब्द गायब है। हालांकि यह खुलासा नहीं हुआ है कि यह मानवीय भूल है या फिर इस भूल को जानबूझकर अंजाम दिया गया है। यह भी तब हुआ, जब 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश खुशी में लबरेज था।
यह विज्ञापन को 26 जनवरी को एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित हुआ है। उसमें भारतीय संविधान की प्रस्तावना को इस रूप में कहा गया है 'हम भारत के लोग सत्यनिष्ठा से भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य में गठन करते हैं।' जबकि इसमें से समाजवाद व धर्मनिरपेक्ष शब्द गायब हैं, जबकि इसका सही रूप 'हम भारत के लोग भारत को सत्यनिष्ठा से भारत का एक संप्रभु, लोकतांत्रिक, समाजवादी व धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के रूप में गठन करते हैं।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी अपने ट्वीट में इसकी तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विज्ञापन से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटा दिया गया है।