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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 31 जनवरी 2014 (22:45 IST)

दिल्ली में केजरीवाल सरकार को झटका

दिल्ली में केजरीवाल सरकार को झटका -
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नई दिल्ली। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में बिजली की भारी कटौती की धमकी के बीच दिल्ली विद्युत नियामकीय आयोग (डीईआरसी) ने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दरें आज 8 प्रतिशत तक बढ़ा दी।

इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने के नियामक के निर्णय की आलोचना की। बिजली की बढ़ी हुई दरें शनिवार से प्रभावी हो जाएंगी।

सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि वह दिल्लीवासियों के लिए बिजली की दरें घटाएगी, लेकिन उसने चुनिंदा स्लैब में ही ऐसा किया जिसे भाजपा ने आंख में धूल झोंकने वाला कदम बताया था।

डीईआरसी के चेयरमैन पीडी सुधाकर ने बताया कि ईंधन लागत समायोजन से अधिभार में बढ़ोतरी हुई है जो बीएसईएस यमुना पावर के लिए 8 प्रतिशत, बीएसईएस राजधानी के लिए 6 प्रतिशत और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के लिए 7 प्रतिशत है।

सुधाकर ने कहा, यह एक अधिभार है। हमने बिजली वितरण कंपनियों की बिजली खरीद लागत समायोजित करने के लिए यह निर्णय किया है। डीईआरसी तीन महीने बाद ई्ंधन अधिभार के रूप में इस वृद्धि की समीक्षा करेगा।

सुधाकर ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी मदद के लिए रास्ते निकालना आवश्यक है। यह वृद्धि ऊर्जा शुल्कों व तय शुल्कों पर होगी, लेकिन यह अतिरिक्त 8 प्रतिशत अधिभार पर लागू नहीं होगी।

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, दिल्ली सरकार शुल्क बढ़ाने के निर्णय की कड़ी भर्त्सना करती है। जब कैग द्वारा अंकेक्षण का आदेश पहले ही दिया जा चुका है, इस तरह का निर्णय अवांछित है।

उन्होंने कहा कि डीईआरसी को लोगों पर बोझ डालने से पहले कैग अंकेक्षण के नतीजे आने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। ऐसे समय में जब इन बिजली वितरण कंपनियों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, डीईआरसी को प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। डीईआरसी ने बिजली वितरण कंपनियों की बिजली खरीद लागत समायोजित करने मेंमदद के लिए 2012 में ईंधन अधिभार लगाना शुरू किया था।

डीईआरसी द्वारा दरें बढ़ाने का निर्णय ऐसे समय में किया गया जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिजली वितरण कंपनियों पर सरकार को ‘ब्लैकमेल’ करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल का आरोप है कि बिजली वितरण कंपनियां प्रतिदिन 10 घंटे तक बिजली कटौती की धमकी देकर सरकार को ‘ब्लैकमेल’ कर रही हैं।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि टाटा और अंबानी जो दिल्ली में तीन बिजली वितरण कंपनियां चलाते हैं, वे देश में एकमात्र कंपनियां नहीं हैं और सरकार नई कंपनियों को लाने की इच्छुक हैं।

उन्होंने कहा, बिजली कटौती के लिए कोई वजह नहीं है। मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि यदि वे भविष्य में घबराहट का माहौल पैदा करने की कोशिश करेंगी तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

उन्होंने सरकार पर दबाव बनाने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाने के वास्ते बिजली वितरण कंपनियों के लाइसेंस निरस्त करने सहित कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। (भाषा)