बुधवार, 24 अप्रैल 2024
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Written By भाषा

जीवनसाथी की तलाश में अब जाति नहीं व्यक्तित्व जरूरी: सर्वे

जीवनसाथी की तलाश में अब जाति नहीं व्यक्तित्व जरूरी: सर्वे -
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नई दिल्ली। ग्लोबलाइजेशन के युग में देश बदल रहे हैं, तो व्यक्ति की सोच में भी बदलावा आने लगा है। इस बदलाव के चलते कई जगह पर दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं, तो कहीं पर अच्छे परिणाम भी। लिव इन रिलेशनशिप के दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं, तो अब जीवनसाथी की तलाश कर रहे युवा धार्मिक और सामाजिक सोच से ऊपर उठकर खूबसूरत चेहरे और व्यक्तित्व के धनी को महत्व दे रहे हैं।

एक सर्वे के मुताबिक जीवनसाथी की तलाश कर रहे युवा भारतीय अब धर्म, जाति और नस्ल की बजाय खूबसूरत व्यक्तित्व और हसीन चेहरे पर ज्यादा जोर देते हैं।

एक वेबसाइट ने ‘खूबसूरत हमसफर की तलाश कर रहे भारतीय युवाओं में तेजी से बदलते मापदंडों का पता लगाने के लिए देशभर के 520 युवाओं पर सर्वेक्षण किया। अधिकतर भारतीय युवा अपने अभिभावकों के धार्मिक, जाति और नस्ल के खोल से बाहर आकर ‘स्मार्ट लव’ की तलाश में हैं।

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28 वर्षीय लेक्चरर सोनल कहती हैं, ‘मैं किसी ऐसे का साथ चाहूंगी जिसके साथ मेरा वजूद हो। मैं चाहती हूं कि मेरा जोड़ीदार एक ईमानदार, जोशीला और यथार्थवादी हो।’ कंप्यूटर टैक्नोलॉजी कंपनी में डिलीवरी मैनेजर के तौर पर काम करने वाले 33 वर्षीय सौरभ मित्तल ने कहा, ‘मैं किसी ऐसे की तलाश कर रहा हूं जिसके साथ समान आधार पर मैं जुड़ सकूं और हमारे अभिभावक क्या सोचते हैं यह मायने नहीं रखता।’

मित्तल कहते हैं, ‘अगर वह मेरी पसन्द को समझने में सक्षम नहीं है लेकिन मेरे अभिभावकों के नजरिए पर सिर्फ इसलिए खरा उतरती है कि वह कद और जाति में मुझसे मेल खाती है तो मुझे नहीं लगता कि यह चीज हम लोगों के बीच काम करेगा।’ सर्वेक्षण के आधार में शिक्षा, आमदनी, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, पेशा, धर्म, जाति, मूल और इसके साथ ही मांगलिक को भी रखा गया था। (एजेंसी)