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Last Updated : सोमवार, 8 सितम्बर 2014 (17:35 IST)

कश्मीर में बाढ़ से तबाही, मृतक संख्‍या 300 पार

कश्मीर में बाढ़ से तबाही, मृतक संख्‍या 300 पार - कश्मीर में बाढ़ से तबाही, मृतक संख्‍या 300 पार
-सुरेश डुग्गर, जम्मू कश्मीर से
धरती का स्वर्ग कहे जाने कश्मीर में बाढ़ ने लोगों जीवन नर्क बना‍ दिया है। पिछले दिनों से मरने की संख्या 300 के पार पहुंच गई है। हालांकि आधारिक आंकड़ा 250 बताया जा रहा है।

* जम्मू-कश्मीर में बाढ़ में फंसे हजारों लोगों को निकालने के लिए आज जबर्दस्त राहत एवं बचाव अभियान जारी है और पानी के सैलाब से उत्पन्न गंभीर स्थिति बरकरार है। श्रीनगर के अधिकतर हिस्से अब भी जलमग्न हैं। संचार व्यवस्था लड़खड़ाई हुई है और पानी का ऊंचा स्तर एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। आपदा से निपटने के अधिकारियों के प्रयासों के बीच उधमपुर जिले के पाचौरी गांव से भूस्खलन होने की खबर है। वहां फंसे कुछ लोगों को बचाने के लिए राहतकर्मी पहुंच गए हैं।
* श्रीनगर के जलमग्न क्षेत्रों में लोगों को बाहर निकालने के लिए 25 नौकाएं लगाई गई हैं। भीषण बाढ़ का सामना कर रहे राज्य में अब तक 5100 लोगों को बाहर निकाला जा चुका है। बाढ़ से अब तक करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है और अस्पतालों सहित कई इमारतें नष्ट हो चुकी हैं तथा सड़कों के तलमग्न होने और संचार व्यवस्था लड़खड़ा जाने से बहुत से इलाकों से संपर्क टूट गया है। 
 
* जम्मू कश्मीर में भारी बाढ़ के कारण कश्मीर घाटी में दूरसंचार नेटवर्क ध्वस्त हो गया है और सरकारी स्वामित्व वाले बीएसएनएल ने सेना और आईएएफ के साथ मोबाइल सेवा बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान शुरू किया है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) हैदराबाद और बेंगलुरु से विशेषज्ञों को भेज रहा है ताकि मोबाइल सेवा बहाल किया जा सके।
 
* जम्मू कश्मीर सर्किल के मुख्य महाप्रबंधक दूरसंचार आरएन सुधाकर ने कहा कि कश्मीर घाटी देश के शेष हिस्सों से कट गई है। बाढ़ के कारण मोबाइल लिंक और अन्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं जिसके कारण बीएसएनएल और अन्य दूरसंचार आधारभूत संरचनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
 
* सेना ने 22 हजार से अधिक लोगों की जान बचाई है। राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे व्यापक राहत एवं बचाव अभियान में सेना अपनी कुछ सर्वश्रेष्ठ सैन्य क्षमताओं का इस्तेमाल कर रही है।
 
 

* नौसेना ने पहली बार इस अभियान में कमांडो दस्ते को उतारा जिसने श्रीनगर-सोपोर राजमार्ग पर हैगांव में बाढ़ में फंसे करीब 200 लोगों को बचाया। फिलहाल यह दस्ता श्रीनगर में पंथा चौक के करीब बचाव कार्य में जुटा है।
 
* दिल्ली में भी एक मेडिकल टीम जम्मू-कश्मीर जाने के लिए तैयार खड़ी है। अभी तक सेना जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ में फंसे 22 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी है। थलसेना ने अपनी 205 टुकड़ियों को इस अभियान में लगा रखा है।
 
* सेना ने बाढ़ प्रभावितों को 4 हजार कंबल और 90 तंबू वितरित किए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 23 हजार लीटर पीने का पानी और 600 किलोग्राम बिस्कुट भी वितरित किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की 60 टीमों को लगाया गया है।
* बाढ़ प्रभावितों को बांटने के लिए 85 टन दवाएं हवाई रास्ते से पहुंचाई गई हैं। राज्य के विभिन्न इलाकों में बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए 16 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। भारतीय वायुसेना के विमानों और हेलीकॉप्टरों ने अब तक 1245 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला है। इन विमानों और हेलिकाप्टरों ने अब तक 140 उड़ानें संचालित की हैं और 155 टन राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचाई है।

* श्रीनगर शहर के बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे हुए लाखों लोगों द्वारा मदद की पुकार की जा रही है। श्रीनगर में एमएलए होस्टल की दो मंजिलें पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। एमएलए होस्टल लाल चौक से कुछ दूर मौलाना आजाद स्टेडिम के पास है। करीब 150 लोग चौथी मंजिल पर शरण लिए हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं।
 
* एमएलए हरेस्टल के साथ लगती अहदूस होटल की इमारत में बीसियों लोग फंसे हुए हैं। इनमें पर्यटक भी शामिल हैं। राजबाग समेत अन्य कई इलाकों में बीसियों पर्यटक विभिन जगहों पर फंसे हुए हैं। अधिकतर पर्यटक छतों पर शरण लिए हुए हैं, जबकि उनका सामान बाढ़ के पानी में बह चुका है।
 
* मिली जानकारी के मुताबिक, बक्शी स्टेडियम के सामने आने वाले तुलसी बाग इलाके में सरकारी क्वार्टरों में करीब 300 सरकारी मुलाजिम और सरकारी मेडिकल कालेज के गर्ल्स होस्टल में 150 से अधिक छात्र दो दिनों से फंसे हुए है। इन लोगों तक अभी तक न ही कोई राहत पहुंच पाई है और न ही इन्हें निकाला जा सकता है।
 
* प्रताप पार्क स्थित प्रेस एन्कलेव में भी 10 से 12 फुट तक पानी भर जाने से पत्रकारों को भी अपने घर बाहर और आफिस खाली करके भाग जाना पड़ा है। नतीजतन कश्मीर में तीन दिनों से कोई अखबार भी नहीं छपा है। यहां तक कि सूचना विभाग का आफिस भी पानी में डूब जाने से सरकारी कार्य भी ठप हो गया है।
 
 


* ताजा घटनाक्रम में जम्मू मंडल के उधमपुर और रियासी जिलों में मकानों के गिरने से 50 लोगों की मौत हुई है। कश्मीर घाटी में अभी भी लाखों लोग बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे हुए हैं। सबसे बुरी दशा श्रीनगर शहर की है, जो आधे से अधिक पानी में डूब चुका है। नौकाओं की कमी के चलते अधिकारी बाढ़ के पानी में फंसे हुए लोगों को बचा पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।

* श्रीनगर शहर के कई इलाकों में 15 से 20 फुट पानी जमा होने से मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। लोग मदद के लिए पुकार रहे हैं पर न ही अधिकारी, न ही सेना और न ही वायुसेना उनकी मदद को पहुंच पा रही है।

* सेना और वायुसेना के अधिकारी कहते हैं कि उनके पास इतनी संख्या में हेलीकाप्टर नहीं हैं कि एक ही बार में हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।

* सोमवार सुबह श्रीनगर के हब्बाकदल और आसपास के क्षेत्रों में बरबर शाह के पास झेलम दरिया के किनारे टूट जाने से झेलम का पानी और कई बस्तियों में घुस गया है। पानी तेजी से इलाके में भरता जा रहा है, जिस कारण जान बचाने की दौड़ शुरू हो चुकी है।

* हब्बाकदल से मिले समाचारों के मुताबिक, कई लोगों को अपना सामान भी समेटने का मौका नहीं मिला और वे अपनी जान बचाने की खातिर छतों पर जा चढ़े हैं। बताया जाता है कि हब्बाकदल और उसके आसपास के इलाकों में ताजा पानी भरने के कारण करीब 10 हजार लोगों की जान खतरे में है। लोग सहायता पाने की कोशिश कर रहे हैं। पर उनकी सभी कोशिशें नाकाम हो रही हैं।

* जम्मू-कश्मीर में बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है. इसके लिए नौसेना के मरीन कमांडो तैनात किए गए हैं। श्रीनगर-सोपोर हाईवे पर हैगांव में करीब 200 कमांडो राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। गोताखारों की और टीमें दिल्ली, मुंबई और विशाखापत्तनम से बुलाई गई हैं।