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Last Updated : शनिवार, 1 अगस्त 2015 (12:41 IST)

याकूब की पत्नी को सांसद बनाया जाए:- सपा नेता फारूक

याकूब की पत्नी को सांसद बनाया जाए:- सपा नेता फारूक - Yakub Memon wife
नई दिल्ली। आतंकी याकूब मेमन की फांसी को लेकर एक ओर जहां सेक्युलर सांप्रदायिक लोग उसके समर्थन में सामने आए हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस और सपा के कई चेहरे बेनकाब हुए हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी के एक नेता ने याकूब की पत्नी को सांसद बनाए जाने की मांग कर डाली है। हालांकि समाजवादी पार्टी उनके द्वारा राहीन याकूब के इस खुले समर्थन से काफी नाराज हैं। पार्टी ने फारूक घोसी को तत्काल महाराष्ट्र उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है।
 
इससे पहले सपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबु आसिम आजमी ने इसे ‘गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी’ कह कर इस मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस पत्र पर घोसी से सफाई मांगी जाएगी।

आजमी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘उन्होंने (घोसी ने) गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने से पहले पार्टी से संपर्क नहीं किया। उन्होंने निजी तौर पर यह पत्र लिखा है। उनसे अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा जाएगा जिसके बाद उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’

अब समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र उपाध्यक्ष मोहम्मद फारूक ने मुलायम सिंह यादव से याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की मांग की है। फारूक ने याकूब की पत्नी को सांसद बनाने की मांग करते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखी है।
 
इस चिट्ठी में फारूख ने मुलायम सिहं यादव को लिखा है, 'आप एक नेता है और आप गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं। मेरे मुताबिक याकूब की पत्नी राहीन को इस समय मदद की जरूरत है और बहुत सारी इस देश में उसी की तरह दयनीय हालत में अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। हमें इन औरतों की मदद करनी चाहिए। आज मुस्लिमों को वोट बैंक की तरह देखा जाता है और मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें साइड लाइन कर दिया है।'
 
फारूक का कहना है, 'राहीन 21 सालों से अपने पति के बिना रह रही है। अगर राहीन राजनीति में आती है तो वह जरूरतमंद लोगों की आवाज बन सकती है। इसलिए मैंने मुलायम सिंह यादव से उसे सांसद बनाए जाने की मांग की है।'
 
सपा नेता ने मुलायम सिंह को असहायों का मददगार बताते हुए कहा कि उनकी नजर में राहीन असहाय लग रही हैं और उनकी मदद करना समाजवादियों का फर्ज है। उन्होंने लिखा- 'मुसलमान भी खुद को असहाय समझ रहे हैं। हमें साथ देना चाहिए.... राहीन याकूब मेमन को संसद सदस्य बनाकर उन्हें असहायों की आवाज बनने देना चाहिए।'